जाति गणना पर बिहार में बदलेगा आरक्षण फार्मूला74% आरक्षण होगा लागू
सीएम नीतीश कुमार की घोषणा... बिहार में जातीय गणना पर आरक्षण का दायरा 50%  से बढ़ाकर 65% होगा , गरीबों की मदद पर 5 वर्षों में 2.50 लाख करोड होंगे खर्च 
94 लाख भवनहीन गरीबों को मिलेगा 2 लाख
पटना,07 नवम्बर। सीएम नीतीश कुमार ने आज विधानमंडल के दोनों सदनों में जातीय गणना पर  बड़ी घोषणायें की। आरक्षण का दायरा 50%  से बढ़ाकर 65 % करने  और 94 लाख गरीबों को  2 लाख रु की  मदद  मिलेगी।
अभी तक बिहार में कितना आरक्षण दिया जाता है:
अनुसूचित जाति (SC) – 16%
अनुसूचित जनजाति (ST) – 1%
पिछड़ा वर्ग (OBC) – 12%
अति पिछड़ा वर्ग (EBC) – 18%
आरक्षित वर्ग की महिला (W) – 3%
विकलांग – 3%
सेनानी – 1%
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय गणना कराने को अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताई।   मंगलवार को जातीय गणना की  रिपोर्ट पर चर्चा के अंत में सीएम नीतीश कुमार ने 64 हजार भवनहीन परिवारों  के लिए भी एक बड़ी घोषणा की. इन्हें जमीन खरीदने के लिए 1 लाख और मकान बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए मिलेंगे

 उन्होंने बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन पेश रिपोर्ट कहा बोलते हुए आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव का खुलासा किया।कहा इसको लेकर कानून में इसी शत्र में संशोधन होगा।  उन्होंने कहा कि मौजूदा 50 प्रतिशत आरक्षण है उसे बढ़ाकर 65 फीसदी करने का सुझाव दिया है. उन्होंने कहा कि जातीय गणना सर्वे से पिछड़ा और अति पिछड़ा सहित एससी और एसटीआबादी का जो आंकड़ा आया है उसके  अनुरूप आरक्षण बढ़ाने की जरूरत है. इसके लिए मेरा यह कहना है कि जो 50 प्रतिशत आरक्षण है, उसे हम 65 प्रतिशत कर दें। पहले से अगड़ी जातियों को 10 प्रतिशत है ।सर्वे में इनकी आबादी 15% है। 27% पिछडे और 36% अति पिछड़े का 27% आरक्षण है। अनुसूचित जाति और जन जाति की क्रमश: 16 %और 1% है।पिछड़ी जाति की महिला के लिए 3% है। अब महिलाओं के लिए 35% आरक्षण होने से अलग से 3% का आऔचित्य नहीं है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति की आबादी के आधार पर कानूनन 17% से बढाकर 22% करना होगा। तो 50% का दायरा बढ़ाकर 65 प्रतिशत के बाद कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो जाएगा। तब अनारक्षित 25 प्रतिशत बचेगा।

सीएम ने कहा कि   रिपोर्ट के आधार पर मासिक आमदनी 6 हजार रुपए तक के 94 लाख से अधिक गरीब परिवारों के लिए  को आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए बिहार सरकार उन्हें 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता करने का प्रस्ताव रखती है.  उन्होंने कहा कि राज्य में 63,850 परिवारों के रहने का आवास नहीं है. ऐसे परिवारों के लिए राज्य सरकर जमीन खरीदने के लिए 1 लाख और मकान बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए देने का सुझव रखती है. 


उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप स कमजोर लोगों पर कुल खर्च 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपए आएगा.इसे पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य बिहार सरकार रखती है. इसके तहत प्रति वर्ष 50 हजार करोड़ रुपए का खर्च किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दिया जाए तो यह लक्ष्य और भी कम समय में पूरा हो जाएगा.

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