पहली कैबिनेट में रोजगार पर फोकस, 25 चीनी मिले होगी स्थापित

- एनडीए सरकार के गठन के बाद कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित की गई
- 10 एजेंडों पर लगी मुहर, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी    
पटना, 25 नवंबर।
सूबे में एनडीए की नई सरकार गठित होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिवालय में मंगलवार को आयोजित इस बैठक में 10 एजेंडों पर मुहर लगी। सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान जारी किए गए अपने घोषणा-पत्र के मुद्दों को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। इसके अंतर्गत आगामी 5 वर्ष के दौरान 1 करोड़ युवाओं को रोजगार और सरकारी नौकरी देने की कार्ययोजना को अमलीजामा पहनाया गया है। कैबिनेट में लिए तमाम निर्णयों की जानकारी मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सूचना भवन के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
       मुख्य सचिव ने बताया कि सरकार ने राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने और उद्योगों के विस्तार को नई दिशा देने के लिए तेजी से पहल शुरू कर दी है। सात निश्चय-2 के तहत वर्ष 2020 से 2025 के बीच 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। आगामी पांच वर्षों (2025-30) में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बिहार की बड़ी युवा आबादी को ध्यान में रखते हुए यह व्यवस्था की गई है। 
      बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक हब विकसित किया जाएगा। इसका उद्देश्य डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर निर्माण पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर, मेगा टेक सिटी एवं फिनटेक सिटी की स्थापना करना है। टेक हब की कार्य योजना तैयार करने और इनका सतत अनुश्रवण करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक शीर्ष समिति का गठन किया गया है। आगामी छह महीने में यह कमेटी सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। ताकि इसे जमीन पर उतारा जा सके। बदलते बिहार की विकास गति को बल देने के लिए राज्य में प्रौद्योगिकी एवं सेवा आधारित नवाचारों पर आधारित न्यू ऐज इकोनॉमी के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता जो समिति बनेगी उसमें बिहार से संबंध रखने वाले विभिन्न क्षेत्रों के अग्रणी उद्यमियों, विशेषज्ञों और परामर्शी से सुझाव प्राप्त कर नीतियां और योजनाएं बनाई जाएंगी।
     प्रत्यय अमृत ने कहा कि राज्य में बंद पड़ी 9 चीनी मिलों का फिर से उद्धार किया जाएगा। इन 9 समेत 25 नई चीनी मिले खोली जाएंगी। इससे किसानों को अच्छी आमदनी होगी और अधिक संख्या में रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे। इससे संबंधित नीति निर्धारण और कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।    
     सरकार बिहार को एक "ग्लोबल बैक-एंड हब" और ‘ग्लोबल वर्कप्लेस’ के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से प्रतिष्ठित अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के सहयोग से एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करेगी। उन्होंने बताया राज्य में शहरी कारण को बढ़ावा देने के लिए नौ प्रमंडलीय शहरों के साथ साथ सोनपुर और सीतामढ़ी में ग्रीन टाउनशिप विकसित किए जाएंगे। "बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन" की स्थापना की तैयारी की जा रही है। कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) जैसे वैश्विक परिवर्तनकारी क्षमता रखने वाले क्षेत्र में बिहार राज्य एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित हो जिससे राज्य के सामाजिक, आर्थिक और क्षेत्रीय विकास को गति मिल सके। एआई एवं उसके उपयोग से संबंधित नीति का निर्धारण तथा संस्थानीकरण संभव हो सकेगा। इस प्रक्षेत्र के अग्रणी उद्योगों या संस्थानों की सहभागिता प्राप्त करने के उदेश्य से राज्य एआई परिस्थितिकी का निर्माण किया जाएगा। 
     सरकार का दावा कि उच्च गुणवत्ता की आधारभूत संरचना, औद्योगिक कॉरिडोर, बेहतर पावर सप्लाई, जल प्रबंधन और उपलब्ध कुशल मानव संसाधन अब बिहार को निवेश के लिए उपयुक्त राज्य बनाते हैं। राज्य सरकार की ओर से कहा कि रोजगार और औद्योगिक विकास से जुड़ी योजनाओं पर कार्य तेज गति से जारी है और “हम जो काम शुरू करते हैं, उसे पूरा करते हैं।"

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