बिहार में 1,300 माफियाओं की संपत्ति होगी कीकुर्की

 2,000 स्कूटी पर महिला पुलिस की तैनाती : डीजीपी
पटना, 27 नवंबर ।बिहार में नई सरकार ने संगठित अपराध और माफिया नेटवर्क के खिलाफ व्यापक अभियान तेज कर दिया  है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) विनय कुमार ने बृहस्पतिवार  को बताया कि अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अवैध संपत्तियों की कुर्की की प्रक्रिया शुरू की गई है। महिलाओं की भी  सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष स्क्वाड गठित की जा रही है।
डीजीपी ने बताया कि पिछले कुछ महीनों में 400 कुख्यात अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जब्त करने के प्रस्ताव न्यायालय भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे 1,200 से 1,300 और आरोपियों की पहचान कर ली गई है, जिनकी संपत्तियों से संबंधित सभी दस्तावेज एकत्र किए जा रहे हैं और जल्द ही इन्हें भी कानूनी कुर्की की प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक के अनुसार, "शराब, बालू और जमीन माफिया के साथ-साथ कॉन्ट्रैक्ट किलर और संगठित अपराध से जुड़े कई बड़े नामों को इस सूची में शामिल किया गया है। सरकार का स्पष्ट मानना है कि गिरफ्तारी से आगे बढ़कर अपराध की आर्थिक जड़ों पर प्रहार किए बिना आपराधिक नेटवर्क को खत्म नहीं किया जा सकता।
डीजीपी ने कहा कि अपराधियों की संपत्ति जब्त किए जाने से उनके फंडिंग नेटवर्क, प्रभाव और आपराधिक गतिविधियों पर बड़ा असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह कदम कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार की प्राथमिकता का उल्लेख करते हुए डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि राज्य में एंटी-रोमियो’ की तर्ज पर एक विशेष महिला स्क्वाड गठित की जा रही है। इसके लिए इस वर्ष 2,000 स्कूटी खरीदी जा रही हैं, जिन पर महिला पुलिसकर्मी स्कूल और कॉलेजों के आसपास नियमित गश्त करेंगी।
उन्होंने कहा, लड़कियों के साथ छेड़छाड़, पीछा करने और उत्पीड़न की किसी भी घटना पर अब तत्काल कार्रवाई की जाएगी। सड़क पर महिलाओं को परेशान करने वालों के खिलाफ शून्य सहनशीलता की नीति लागू की जाएगी।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के गृह विभाग संभालते ही शुरू की गई इन कार्रवाईयों को सरकार की कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। राज्यभर में अवैध कब्जों पर कार्रवाई, माफिया संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की प्रक्रिया और अब संगठित अपराध के हजारों आरोपियों की पहचान—इन सभी कदमों को प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।

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