दशहरा में शिक्षकों को नहीं मिला वेतन। आधे से अधिक शिक्षकों का दुर्गापूजा रहा फीका
शिक्षकों में भारी  रोष और क्षोभ
इधर नवादा से खबर है- आधे से अधिक शिक्षकों को दुर्गापूजा से पहले नहीं मिला वेतन। आधे से अधिक शिक्षकों का दुर्गापूजा रहेगा फीका।
बिहार स्टेट टीचर्स एसोसिएशन गोप गुट नवादा के जिला अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि आधे से अधिक शिक्षकों का दुर्गापूजा से पहले नहीं मिला वेतन, जचबकि शिक्षा विभाग पटना से स्पष्ट निर्देश था कि 25 सितंबर से  सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान कर दिया जायेगा, लेकिन 30 सितंबर तक वेतन नहीं  सुलभ हुआ। परिणामतः शिक्षक बिना वेतन के हीं दुर्गापूजा मनाने को मजबूर हैं।
संघ के  जिला अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग के स्थापना के कर्मी पर आरोप लगाया है कि शिक्षकों के हितों को ध्यान में नहीं रखा जाता है और शिक्षकों को एक काम के लिए महीनों दौड़ाया जाता है, जिसके कारण शिक्षक चार बजे के बाद स्थापना कार्यालय में अपने कार्यों के लिए खड़े नजर आते हैं। शिक्षा विभाग का आलम ऐसा है कि कई प्रधान शिक्षकों को अभी तक पूर्ण प्रभार नहीं मिला है, जबकि संगठन कई बार इसकी शिकायत पदाधिकारियों से कर चुका है, लेकिन अभी तक निबटारा नहीं हो पाया है। सक्षमता 1, सक्षमता 2 और बीपीएससी ट्री 3 के तहत सैकड़ों शिक्षकों को 5 से 7 माह  तक वेतन नहीं मिल पाया है, इससे शिक्षकों में घोर निराशा है, और शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण नहीं किया जा रहा है, सिर्फ शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है।
शिक्षकों की समस्याओं का आलम यह है कि नवादा नगरपरिषद, वारिसलीगंज नगर परिषद,हिसुआ नगरपरिषद और रजौली नगर पंचायत के अंतर्गत आने वाले स्कूलों के शिक्षकों को कुछ को आवास भत्ता मिल रहा है तो कुछ को नहीं । शिक्षा विभाग के आदेश के बाद भी पूर्व प्रशिक्षित शिक्षकों को उनसे जूनियर शिक्षकों के अनुरूप वेतन कई प्रखंडों में मिल रहा है तो कई प्रखंड के शिक्षक इसका इंतजार कर रहे हैं। अभी तक विशिष्ट शिक्षकों का वेतन का निर्धारण नहीं हो पाया है, जिसके कारण सभी विशिष्ट शिक्षकों को 5 से 10 हजार रुपए प्रतिमाह वेतन कम मिल रहा है। अभी तक प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक का वेतन आरम्भ नहीं किया गया है, जबकि संगठन शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों से मिलकर कई बार शिक्षकों की समस्याओं से अवगत करा चुका है। शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर भी उपापोह की स्थिति बनी हुई है,
शिक्षा विभाग से मांग किया जाता है कि जिला के अंदर भी शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाय। वर्षों से जिन शिक्षकों का एरियर का भुगतान नहीं हो पाया है, भुगतान किया जाय।
      दुर्गा पूजा के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना को संगठन द्वारा ज्ञापन दिया जाएगा, और मांग किया जाएगा कि शिक्षकों की समस्याओं को कैंप लगाकर निपटारा किया जाए, ताकि शिक्षक सकून से विद्यालय में जाकर अपने कार्यों का निर्वहन कर सके। अगर शिक्षक के समस्याओं का निपटारा नहीं किया जाता है तो संगठन आंदोलन के लिए मजबूर होगा, जिसकी सारी जवाबदेही जिला शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों की होगी।

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