नवादा के फ्रंटलाइन पब्लिक स्कूल में बाल दिवस मना
नवादा।चाचा नेहरू के जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में बच्चों को मनाने में 14 नवंबर को चुनाव की मतगणना के वजह से विद्यालय बन्द था, इसलिए फ्रंटलाइन पब्लिक स्कूल, आनंद नगर, चातर, नवादा के बच्चे आज 15 नवंबर को बाल दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर वर्ग चतुर्थ से दशम् वर्ग के बच्चे स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी लगाया साथ ही साथ बाल मेला का भी आयोजन बड़ी धूमधाम से किया। इस बाल मेला में प्रथम वर्ग से दशम् वर्ग के बच्चे प्रत्येक वर्ग से दो-दो फूड स्टॉल लगाया। जिसमें खाने-पीने की चीजों से सभी बच्चों के माता-पिता एवं अभिभावक भी खूब आनन्द ले रहे थे। विभिन्न तरह के व्यंजनों को खरीद कर एवं खाकर काफी आनंदित हो रहे थे। इस क्रम में उनके चेहरे पर खुशी कालहर बिना दिखाये भी देखी जा रही थी। बाल मेला का उद्घाटन प्रो. रतन कुमार मिश्रा सह स्कूल के चेयरमैन प्रो. बिजय कुमार ने फीता काटकर किया। बाल मेला का निरीक्षण करते हुए बच्चों की साफ सफाई और हाइजीनिक स्थिति को देखकर खुशी जाहिर की। प्रो. रतन कुमार मिश्रा ने बच्चों से बातचीत करके उनकी व्यावसायिक उत्कृष्ट को देखकर गदगद हुए और एक से एक सामग्री का लुफ्त उठाया। तत्पश्चात स्कूल के चेयरमैन प्रो. बिजय कुमार के साथ विज्ञान प्रदर्शनी को दिखाया जिसमें वर्ग अष्टम की छात्राओं ने यौवनारम्भ के दौरान होने वाले शारीरिक मानसिक व हार्मोनल बदलाव को 3D चार्ट के द्वारा प्रस्तुत किया। इसमें शामिल छात्राएं अनुष्का, मोनम और सिमरन थी। वर्ग अष्टम के छात्रों ने क्लोनिंग पर अमेजिंग मॉडल बनाया और दिखाने का प्रयास किया की शरीर के न्यूक्लियर सेल ट्रांसफर की तकनीक क्या होती है। नवम् के छात्रों ने इलेक्ट्रॉनिक प्लेटिंग करके दिखाया कि कॉपर के प्लेट पर आयरन का प्लेट कैसे चढ़ाया जाता है और बतलाया कि सोने चांदी के दुकानदार इसी विधि से सोने एवं चांदी की परत चढ़ाने का कार्य करते हैं। इसी वर्ग का एक दूसरा मॉडल में गाड़ियों में कैसे समान ध्रुव के चुंबकों का प्रयोग करके सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं से आम लोगों के साथ-साथ खुद को बचाया जा सकता है। वर्ग दशम के छात्रों का प्रदर्शन और अद्भुत था उन्होंने बताया कि रासायनिक प्रतिक्रिया के द्वारा विनेगर का उत्पादन कैसे हो सकता है साथ ही साथ यह भी बतलाया कि विनेगर का उपयोग अचार बनाने में एवं दाग धब्बा मिटाने में कपड़े पर किया जाता है। एक प्रोजेक्ट में पानी, पेंसिल और बैटरी के प्रयोग से यह बतलाने का प्रयास किया गया की कैसे पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग अलग किया जा सकता है। वर्ग छठा एवं सातवां का भी प्रोजेक्ट काफी शिक्षाप्रद था। इस प्रकार स्कूल के अध्यक्ष सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत किया और बच्चों की विज्ञान प्रदर्शनी एवं बाल मेला पर काफी बारीकी से देखने के बाद प्रत्येक बच्चों को उत्साहित करने का प्रयास किया और ऐसा अनुमान किया की एक दिन आएगा जिसमें देश के जाने-माने वैज्ञानिकों में इस फ्रंटलाइन पब्लिक स्कूल के बच्चे का नाम होगा। निश्चित रूप से यहां के बच्चे जिस भी क्षेत्र में जाते हैं, अपने स्कूल के नाम के अनुरूप हर जगह अग्रणी भूमिका ही निभाते हैं अर्थात् वह हमेशा फ्रंटलाइन में ही रहते हैं।
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