बिहार के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए बनी कमिटी की बैठक बेनतीजा समाप्त,फिर 10 अक्टूबर को होगी बैठक
शिक्ष मंत्री सुनील कुमार के लिए चुनाव के पहले निदान का उपाय बनी कठिन चुनौती
पटना,25 लितम्बर।बिहार के सरकारी स्कूलों के  शिक्षकों की समस्याओं के निदान के लिए बनी कमिटी की प्रतीक्षित बैठक आज बेनतीजा समाप्त हो गयी।फिर 10 अक्टूबर को  बैठक होगी। उसके पहले चुनाव आचार संहिता लागू होना अवश्य॔भावी है।
हालांकि कमिटी को शिक्षकों के हित में कोई निर्णय आचार संहिता के दायरे में नहीं होगा।
बिहार में करीब छह लाख कुल चार कैटेगरी के शिक्षक हैं।77 हजार नियोजित  शिक्षक,2.58 लाख बीपीएससी शिक्षक (अध्यापक) और 2.62 लाख नियोजित से विशिष्ट शिक्षक बन गये हैं। शेष नियमित वेतनमान वाले शिक्षक हैं।
शिक्षक की स्थानांतरण की मां की पूर्ति में उलझन में पडे शिक्षा विभाग में नौ अधिकारियों की कमिटी बनी है।एक पखवारा पहले 
प्राथमिक  शिक्षा निदेशक साहिला की अध्यक्षता में बनी कमिटी को 24 सितम्बर तक रिपोर्ट देनी थी। कमिटी की आज की बैक पर सबों निगाहें टिकी थी।
कमिटी से  सेवा निरंतरता, प्रोन्नति,वेतन संरक्षण और वेतन निर्धारण के संबंध मे  रिपोर्ट की अपेक्षा है।
शिक्षकों की वरीयता निर्धारण पर नहीं हो सका निर्णय 
  सेवा निरंतरता  दिये जाने पर प्राथमिक से लेकर इंटर  स्कूलों में विभिन्न कोटि के शिक्षकों की वरीयता का निर्धारण होना है। शिक्षकों की वरीयता का निर्धारण को लेकर यानि सेवा निरंतरता पर  कोई निर्णय नहीं हो सका। तय किया गया कि कमिटी की अगली बैठक 10 अक्टूबर को होगी। 
 इस कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षकों की सेवा निरंतता पर सरकार अंतिम निर्णय लेगी। यह कमेटी शिक्षक, प्रधान शिक्षक और प्रधानाध्यापक नियुक्ति नियमावली का अध्ययन कर रही है। बैठक के दौरान कहा गया कि विभिन्न कोटि के शिक्षकों की नियमावली के आधार पर सेवा निरंतरता, वेतन संरक्षण और वरीयरता क्रम निर्धारण को लेकर एक-एक पहलू पर विमर्श कर कमेटी रिपोर्ट देगी। विभिन्न संवर्ग के शिक्षकों का अन्य संवर्ग में नियुक्त होने पर उनकी सेवा की निरंतरता, वेतन संरक्षण, प्रोन्नति, वेतन विसंगति एवं उनकी आपसी वरीयता का निधारित होना है। 
बैठक में कमेटी के सदस्य और शिक्षा विभाग में परामर्शी पंकज कुमार, निदेशक प्रशासन मनोरंजन कुमार, संयुक्त सचिव अमरेश कुमार मिश्र, क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक (सहरसा) अमित कुमार, प्राथमिक शिक्षा उप निदेशक संजय कुमार चौधरी, माध्यमिक शिक्षा उप निदेशक अब्दुस सलाम अंसारी, आंतरिक वित्तीय सलाहकार संजय कुमार सिंह और गोपालगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी योगेश कुमार मौजूद थे।
80 हजार करोड रुपये के  बजट वाले इस विभाग के सामने गुणवत्तापूर्ण शिक्शा व्यवस्था कठिन चुनौती बनी है।सरकारी स्कूलों करीब 1.75 लाख करोड बच्चे हैं।


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