पटना, 07 सितम्बर । मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प से "मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना" से संबंधित आवेदन प्राप्ति की प्रक्रिया तथा नगर क्षेत्र के लिए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने योजना से संबंधित आवेदन प्रपत्र का विमोचन भी किया। महिला सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों एवं चलायी जा रही योजनाओं पर आधारित लघु फिल्म मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गई।

1, अणे मार्ग परिसर से मुख्यमंत्री ने "मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना" से संबंधित 250 जागरुकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन सभी जागरूकता वाहनों के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में जीविका संपोषित संकुल स्तरीय संघों द्वारा चिन्हित स्थानों पर वीडियो के माध्यम से अगले 20 दिनों तक जानकारी प्रदान की जाएगी।

शुभारंभ कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। राज्य सरकार महिलाओं के विकास के प्रति समर्पित है। हमलोगों ने वर्ष 2006 में पंचायती राज संस्थाओं तथा वर्ष 2007 में नगर निकाय के चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया। विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया गया। जिसका परिणाम है कि अब 11 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों की संख्या हो गई है, जिनसे 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। हमलोगों ने वर्ष 2024 में शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया, जिसकी संख्या अब तक 37 हजार हो चुकी है, जिनसे 3 लाख 85 हजार जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं शिक्षित, जागरूक और आत्मनिर्भर बन रही हैं। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत तथा वर्ष 2016 में सभी सरकारी सेवाओं में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। हमलोगों ने महिलाओं की मांग पर ही शराबबंदी लागू की। महिलाओं के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना, मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना जैसी अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं संचालित की जा रही हैं। अधिक से अधिक महिलाएं उच्च शिक्षा हासिल कर सकें, इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों में नामांकन हेतु विशेष प्रावधान किया गया है। शिक्षित और आत्मनिर्भर महिलाएं ही सशक्त समाज की पहचान है।

उल्लेखनीय है कि 29 अगस्त 2025 को "मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना" शुरू करने का निर्णय लिया गया था। इस योजना से महिलाओं को रोजगार मिलेगा, परिवार की आमदनी बढ़ेगी और उनका जीवन स्तर बेहतर होगा। बिहार के लोगों को काम के लिए मजबूरी में बिहार से बाहर अन्य प्रदेशों में नहीं जाना पड़ेगा। इस योजना के तहत आर्थिक सहायता के रुप में राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को सितम्बर माह से ही अपनी पसंद के रोजगार हेतु 10 हजार रुपए की राशि प्रथम किस्त के रुप में दी जाएगी। इसके अंतर्गत महिलाओं द्वारा रोजगार शुरु करने के बाद आकलन कर 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त

वित्तीय सहायता आवश्यकतानुसार दी जाएगी। इस योजना का लक्ष्य है कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएँ आत्मनिर्भर बनें तथा आजीविका के विभिन्न अवसरों से जुड़कर स्वरोजगार के माध्यम से अपने परिवार और समाज की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करें।

कार्यक्रम में ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, विकास आयुक्त डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव श्री अभय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जीविका के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्री हिमांशु शर्मा, जीविका की अपर मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी श्रीमती अभिलाषा शर्मा उपस्थित थी जबकि विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों से जिलाधिकारी एवं महिलायें जुड़ी थीं।

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