बिहार की अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित: 7.42 करोड के नाम शामिल, 69 लाख नाम हटे और 21 लाख नाम जुटे

पटना,30 सितम्बर। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए SIR के बाद अंतिम मतदाता सूची मंगलवार को प्रकाशित हो गयी है। इसके आधार पर 18वीं विधानसभा का चुनाव कराने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है। चुनाव आयोग की टीम 4-5 अक्टूबर को पटना दौरे के बाद अगले ही दिन यानि 6 अक्टूबर को भी चुनाव की घोषणा कर सकता है।
22 सालों के बाद बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण किया गया है। 
राजनीतिक दलों ने ड्राफ्ट मतदाता सूची से 65 लाख के नाम हटाने का सडक,सदन और कोर्ट तक इसके समय और प्रक्रिया का न सिर्फ विरोध किया बल्कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाकर सत्तारुढ एनडीए पर वोट चोरी का आरोप किया है। अभी भी मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है पर कोर्ट ने SIR रोकने से साफ मना कर दिया है।
बिहार में 22 सालों के अंतराल के बाद मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के समापन के बाद अंतिम मतदाता सूची में 7.42 करोड मतदाता के नाम शामिल हैं । 69 लाख नाम हटे और 21 लाख नाम जुटे हैं। ड्राफ्ट मतदाता सूची एक अगस्त को प्रकाशित की गईं थी ,इसमें 7.24 करोड़ मतदाता के नाम धे।65 लाख मतदाता के नाम हटाने के बाद एक सितंबर तक व्यक्तियों और राजनीतिक दलों के दावे और आपत्तियां ली गईं।
इस बार के चुनाव में 12,817 नए मतदान केंद्रों के जुड़ने से बिहार में मतदान केंद्रों की कुल संख्या 77,895 से बढ़कर 90,712 हो गई है
विपक्षी दलों ने एसआईआर की कवायद की आलोचना करते हुए दावा किया है कि यह करोड़ों वास्तविक नागरिकों को उनके मताधिकार से वंचित कर देगा. वहीं, चुनाव आयोग ने कहा है कि वह किसी भी पात्र नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं करेगा और साथ ही किसी भी अयोग्य व्यक्ति को (मतदाता) सूची में शामिल नहीं होने देगा।सीमांचल में नाम कटा
सीमांचल क्षेत्र के चार जिलों-किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया में मतदाता विलोपन दर सबसे अधिक 7.7 प्रतिशत देखी गई। किशनगंज में विलोपन दर 9.69 प्रतिशत देखी गई, इसके बाद पूर्णिया (8.41 प्रतिशत), कटिहार (7.12 प्रतिशत), और अररिया (5.6 प्रतिशत) का स्थान रहा। हालांकि इस क्षेत्र में मतदाता सूची से नाम हटाने की दर सबसे अधिक थी, लेकिन मतदाता सूची में 2.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो राज्य की समग्र वृद्धि के करीब है। 
आंकड़े बताते हैं कि मगध के सात जिलों में औसतन 2.6 प्रतिशत मतदाता वृद्धि दर्ज की गई। राजधानी पटना में सबसे अधिक मतदाता वृद्धि (3.4 प्रतिशत) दर्ज की गई, लगभग 1.6 लाख नए मतदाता जुड़े। महागठबंधन 47 में से 30 सीटें जीतने में कामयाब रहा, जबकि सत्तारूढ़ एनडीए 2020 के विधानसभा चुनाव में केवल 17 सीटें ही जीत सका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन सात जिलों में सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्र में कई रैलियां की हैं।
बिहार विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने के साथ ही, चुनाव आयोग अगले सप्ताह आगामी चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है।

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