विश्व पैथोलौजी दिवस पर हेल्थ इंस्टिच्युट में आयोजित हुआ भव्य समारोह, लगायी गयी वैज्ञानिक प्रदर्शिनी
रोगों का सही उपचार तभी संभव है जब उसकी सही जाँच हो:न्यायमूर्त्ति

पटना, १५ नवम्बर। रोगों का सही उपचार तभी संभव है, जब उसकी सही जाँच हो। रोग का कारण जाने विना उपचार असंभव हो जाता है। इसीलिए आधुनिक चिकित्सा-विज्ञान में पैथोलौजी का विशेष स्थान है और प्रशिक्षित तकनीशियनों का विशेष महत्त्व है। 

विश्व पैथोलौजी दिवस पर, शनिवार को बेउर स्थित संस्थान इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि न्यायमूर्त्ति संजय कुमार ने यह बातें कही। उन्होंने कहा कि कई रोगों के लक्षण एक जैसे होते हैं। केवल लक्षणों के आधार पर उपचार ग़लत हो सकता है। पैथोलौजी के माध्यम से रोगों की सही पहचान हो जाती है।

समारोह का उद्घाटन करते हुए, पटना उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि, यदि आप जाँच करते हों, और वह सही नहीं हो, तो उपचार ग़लत हो जाएगा। इसलिए लैब-टेक्नोलौजी के प्रत्येक विद्यार्थी को अपनी शिक्षा निष्ठा पूर्वक लेनी चाहिए। आज कृत्रिम-बुद्धिमता का भी प्रयोग तेज़ी से बढ़ा है। इस पर पूरी निर्भरता उचित नहीं है। कृत्रिम बुद्धिमता के स्थान पर अपनी बुद्धिमता पर विश्वास करना चाहिए।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए, संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ ने कहा कि उनका संस्थान वर्ष १९९० से ही, विकलांगों के पुनर्वास तथा पारा मेडिकल विज्ञान में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दे रहा है और संस्थान के पूर्ववर्ती छात्रगण पूरे संसार में अपनी सेवाएँ दे रहे हैं तथा धन और यश प्राप्त कर रहे हैं। 

वरिष्ठ पैथोलौजिस्ट डा धनेश कुमार, सुप्रसिद्ध चिकित्सक डा दयानन्द प्रसाद तथा सुप्रसिद्ध माइक्रो-बायोलौजिस्ट डा वसंत कुमार सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अतिथियों का स्वागत मेडिकल लैब टेक्नोलौजी विभाग के अध्यक्ष डा संजीत कुमार ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन संस्थान के छात्र-कल्याण के संकायाध्यक्ष अधिवक्ता अहसास मणिकान्त ने किया। मंच का संचालन बैचलर औफ़ मेडिकल लैब टेक्नोलौजी की वरिष्ठ छात्रा ख़ुशी कुमारी ने किया। विद्यार्थियों ने वैज्ञानिक प्रदर्शनी भी लगायी थी और संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित किए ।

इस अवसर पर, संस्थान के प्रशासी अधिकारी सूबेदार संजय कुमार, डा संतोष कुमार सिंह, डा नवनीत कुमार झा, प्रो मधुमाला, प्रो चंद्रा आभा, प्रो देवराज, प्रो शालिनी कुमारी तथा डा आदित्य ओझा समेत बड़ी संख्या में संस्थान के चिकित्सक, शिक्षक एवं छात्र-गण उपस्थित थे।

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