सम्राट चौधरी बोले- राज्य में विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए पीपीपी मोड को अधिक से अधिक अपनाने की आवश्यकता

पटना,18 दिसम्बर। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा है कि राज्य में विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए पीपीपी मोड यानि पब्लिक-प्राइवेट-पाटनर्शिप को अधिक से अधिक अपनाने की आवश्यकता है।
गया जी स्थित बिपार्ड यानि बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आयोजित मंथन 2025 के समापन कार्यक्रम को वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्यम से संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस मॉडल में सरकार को कम राशि का निवेश करना पडता है और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट तेजी से संभव होता है। 

श्री चौधरी ने प्रमंडल आयुक्तों, जिला पदाधिकारियों और राज्य के वरीय अधिकारियों को संबोधित करते हुए जिला स्तर पर भी पीपीपी मोड को बढ़ावा देने पर जोर दिया और कहा कि यदि अधिकारियों के द्वारा जिलों से अच्छे प्रपोजल सरकार को मिलते हैं तो उस पर नीति बनाकर आगे बढाया जाएगा। सरकार उन्हें खुले दिल से प्रोत्साहित करेगी। 

उन्होंने कहा कि कई अधिकारी अपनी राय लगातार देते रहते हैं और अब जरूरत है कि पीपीपी मोड पर विशेष रूप से ठोस पहल की जाए। इस मोड में सरकार सहयोगी भूमिका में रहती है जहां भूमि उपलब्ध कराई जाती है और बहुत कम वित्तीय निवेश करना पड़ता है।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में पथ निर्माण विभाग में हैम प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिलने के बाद लगभग 17000 करोड रुपये का निवेश राज्य में आया। वर्तमान में बिजली विभाग में भी पीपीपी मोड पर अच्छा काम हो रहा है और इसके माध्यम से 10000 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में भी इस मॉडल को लेकर लोगों में उत्साह है और नगरों के आसपास कई निजी इकाइयां प्लांट लगाने में रुचि दिखा रही हैं।


उपमुख्यमंत्री श्री चौधरी ने मंथन 2025 को एक अच्छी शुरुआत बताया और सभी को नए वर्ष के लिए शुभकामनाएं देते हुए बिहार को समृद्ध बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने का आह्वान किया।

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