वयोवृद्ध शिक्षक जगदीश प्रसाद की पुस्तकों
मनुष्य को देवत्व की ओर ले जाता है साहित्य-सृजन, पुस्तकें ज्ञान की कुंजी 
पटना, ११ अक्टूबर। सृजन एक बड़ा काम है। यह विधाता का कार्य है। प्रत्येक सृजनकर्ता उसी विधाता का सूक्ष्म रूप है। साहित्य-सृजन मनुष्य को देवत्व की ओर ले जाता है। पुस्तकें ज्ञान की कूँजी होती हैं। यह हमें सुबुद्ध और संवेदनशील बनाती हैं। सृजनशीलता मनुष्य को प्राप्त विधाता का अक्षय वरदान है। महान कवि गोपालदास "नीरज" ने कहा कि "मनुष्य" होना भाग्य है, कवि होना "सौभाग्य"!

यह बातें शनिवार को अनीसाबाद स्थित प्रभा-सदन में, साहित्यिक संस्था "बज़्म-ए-शम-ए-अदब" के तत्वावधान में आयोजित पुस्तक-लोकार्पण समारोह की अध्यक्षता करते हुए, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने लोकार्पित पुस्तकों गुलदस्ताऔर "ए बूक ऑफ ईज़ी वे टु लर्न इंग्लिश" के लेखक और वयोवृद्ध शिक्षक जगदीश प्रसाद को बधाई दी तथा कहा कि श्री प्रसाद कवित्त-शक्ति से सपन्न एक प्रतिभाशाली कवि हैं और एक गुणी शिक्षक भी। इन्होंने अपनी काव्य-पुस्तक "गुलदस्ता" में प्रेरणादायी जीवनानुभूति को अभिव्यक्ति दी है। उनकी दूसरी पुस्तक अंग्रेज़ी सीख रहे विद्यार्थियों के लिए पर्याप्त उपयोगी है। इसमें बहुत सरलतापूर्वक पाठ समझाया गया है। 
पुस्तकों का लोकार्पण करते हुए राजकीय ऊर्दू पुस्तकालय के अध्यक्ष अरशद फ़िरोज़ ने कहा कि 93 वर्षीय कवि की काव्य-पुस्तक सही अर्थों में जीवन के विभिन्न रंग-रूप और गंध की अनुभूतियों से भरे काव्य-पुष्पों का सुंदर गुच्छ है, गुलदस्ता है। अंग्रेज़ी की भी इनकी पुस्तक विद्यार्थियों के लिए बहुत फ़ायदेमंद होगी।

आरम्भ में अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्था की सचिव और शायरा शमा कौसर शमा ने कहा कि श्री प्रसाद से उनका बहुत पुराना भाई-बहन का रूहानी रिश्ता है और इन पुस्तकों के प्रकाशन और इस समारोह के आयोजन में अपनी सेवा देकर एक मुँहबोली छोटी बहन का फ़र्ज़ अदा किया है। 

वरिष्ठ शायर डा नईम सबा, इल्मी मजलिस के महासचिव परवेज़ आलम तथा साहित्य सम्मेलन के पुस्ताकालय मंत्री ईं अशोक कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा लेखक को बधाई दी। इस अवसर पर कुमार प्रकाश आनन्द, प्रभा देवी, पूनम आनन्द, कुमार आलोक, सुभाष श्रीवास्तव, प्रियंका दीप, ज्योति आनन्द, आकाश दीप, कुमारी दीप्ति, अल्पना रंजीता, दीपक आनन्द, अरव्या श्रीवास्तव, अयन दीप, रिमझिम और अतुल अंशिका दीप आदि प्रबुद्धजन उपस्थित थे।

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