देश को एक सूत्र में बांधने के लिए और आत्मीय संवाद स्थापित करने के लिए हिन्दी को देश-व्यापी बनाना नितान्त आवश्यक:ड़ा अनिल सुलभ
वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में अधिकाधिक प्रयोग से समृद्ध होगी हिन्दी 

भारत सरकार के प्रगत संगणक विकास केंद्र में हुआ हिन्दी पखवारा का समापन, पुरस्कृत हुए युवा वैज्ञानिक 

पटना, २९ सितम्बर। वैज्ञानिक और तकनीकी के क्षेत्रों में हिन्दी का अधिकाधिक प्रयोग भाषायी स्तर पर देश को आत्म-निर्भर बनाएगा। इससे हिन्दी और समृद्ध होगी। देश को एक सूत्र में बांधने के लिए और आत्मीय संवाद स्थापित करने के लिए हिन्दी को देश-व्यापी बनाना नितान्त आवश्यक है। यह "राष्ट्रभाषा" घोषित हो जाए तो देश की एकता की महान आकांक्षा शीघ्र पूरी हो जाएगी। भारत हर प्रकार से आत्म निर्भर बन जाएगा। 

यह बातें सोमवार को भारत सरकार के एलेक्ट्रौनिकी एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत स्थापित प्रगत संगणक विकास केंद्र (सी डैक), पटना में हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में आहूत हिन्दी पखवारा के समापन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए , बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष ड़ा अनिल सुलभ ने कही। उन्होंने सूचना तकनीक में भारत को आत्म-निर्भर बनाने में सी डैक के वैज्ञानिकों के कार्यों और चेष्टाओं की प्रशंसा की तथा कहा कि आपके प्रयासों से हिन्दी को भी व्यापक बल मिल रहा है। डा सुलभ ने हिन्दी पखवारे में राजभाषा के उन्नयन हेतु आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं सफल युवा वैज्ञानिकों को सम्मनित भी किया।

हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के अध्यक्ष और हिन्दी के यशस्वी विद्वान प्रो सूर्य प्रसाद दीक्षित ने युवा वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्हें हिन्दी के समुचित प्रयोग के लिए मार्ग-दर्शन दिया। उन्होंने कहा कि अनावश्यक रूप से अंग्रेज़ी के प्रयोग से बचना चाहिए। हिन्दी में बात करते हुए गौरव का बोध होना चाहिए। यह एक भाषा मात्र नहीं, देश का गौरव है। हमारी राष्ट्रीय चेतना है। इससे समस्त भारत वासियों को प्रेम होना चाहिए। यह देश की किसी भी भाषा का अहित नहीं कर सकती, बल्कि भाषायी एकता स्थापित करने में सहायक होगी। साहित्य सम्मेलन के अर्थ मंत्री कुमार अनुपम ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

आरंभ में केंद्र-प्रमुख और सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक डा अभिनव दीक्षित ने अतिथियों का पुष्प-गुच्छ, स्मृति-भेंट एवं अंग-वस्त्रम देकर अभिनन्दन किया । अपने स्वागत संबोधन में उन्होंने सी डैक द्वारा सूचना-प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को आत्म-निर्भर बनाने की चेष्टाओं की चर्चा की तथा कहा कि साइबर सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमता और डिजिटल समाधान के क्षेत्र में देश का अग्रणी संस्थान है। यह न केवल अत्याधुनिक प्रोद्योगिकी समाधान विकसित कर रहा है, बल्कि इन नवाचारों को हिन्दी में उपलब्ध कराने की दिशा में कार्यरत है। कार्यक्रम का संचालन युवा महिला वैज्ञानिक सोनल प्रिया कमल ने तथा धन्यवाद-ज्ञापन केंद्र के राजभाषा-अधिकारी आनन्द शर्मा ने किया। 

हिन्दी में निबन्ध-लेखन प्रतियोगिता में, अभिषेक, सुमीत कुमार तथा शिवांश रघुवंशी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किया। स्वरचित काव्य-पाठ में यश मयंक मोदी, अद्रेश सिंह चौहान तथा सोनल प्रिया कमल ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय, श्रुतलेख प्रतियोगिता में, राहूल शा , अनिकेत अविनाश पत्तीवार एवं अनिल शिवराज सज्जनशेट्टी तथा देवरानी राऊत ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय , हिन्दी अनुवाद एवं टंकण प्रतियोगिता में, रोहित कुमार, मनीषा शर्मा तथा सुमीत कुमार ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान, शब्द-ज्ञान प्रतियोगिता में, अभिषेक, सुमीत और अनिकेत अविनाश पत्तीदार ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान तथा चित्र लेखन प्रतियोगिता में सोनल प्रिया कमल, दीपक कुमार तथा शिवांश रघुवंशी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त किए। सफल प्रतिभागियों को प्रशस्ति-पत्र, स्मृति-चिन्ह तथा पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया।

Top