मौरिशस समेत अफ़्रीकन देशों में फ़िज़ियोथेरापिस्टों की भारी मांग : अरुमुगम


इंडियन इंस्टिच्युट हर ६ महीने पर मौरिशस भेजेगा फ़िज़ियो, अकूपेशनल एवं स्पीचथेरापिस्ट

पटना, १३ सितम्बर । मौरिशस में ही नहीं, सभी अफ़्रीकन देशों और पश्चिम के देशों में भी रिहैब प्रोफेशनल की भारी कमी है। फ़िज़ियोथेरापिस्ट, अकूपेशनल थेरापिस्ट और स्पीचथेरापिस्ट विशेषज्ञों की भारी मांग है। भारत से ऐसे विशेषज्ञ वहाँ जाएं तो उन्हें बहुत सम्मान भी मिलेगा और सम्मान-राशि भी। ग्लोबल रैनबो फ़ाउंडेशन को भी बड़ी संखा में ऐसे विशेषज्ञ चाहिए। 

यह बातें इंडियन इंस्टिच्युट ऑफ हेल्थ एडुकेशन ऐंड रिसर्च, बेऊर में, “प्रौस्पेक्ट्स ऑफ रिहैब प्रोफेशनल्स अराउँड द वर्ल्ड" विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए, यूनेस्को में निदेशक रहे मौरिशस के पूर्व शिक्षा मंत्री अरुमुगम परशुरामन ने कही। उन्होंने कहा कि स्वयं उनके ग्लोबल फ़ाउंडेशन में ऐसे दर्जनों विशेषज्ञ चाहिए। इसके लिए, बेहतर आवासीय व्यवस्था के साथ आकर्षक पैकेज दिए जाएँगे। 

श्री परशुरामन ने संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा अनिल सुलभ से आग्रह किया कि वे अगले माह से ही अपने प्रशिक्षित थेरापिस्ट्स भेजना आरंभ करें। उन्होंने संस्थान के मौरिशस-परिसर स्थापित करने का भी आग्रह किया, ताकि वहाँ भी कुशल पुनरवास विशेषज्ञ तैयार किए जा सकें। दोनों ही परिसरों में बारी-बारी से विद्यार्थी शिक्षा और प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें , ऐसी व्यवस्था भी की जाए। वहाँ के विद्यार्थी यहाँ और यहाँ के विद्यार्थी वहाँ इंटर्नशिप करें।

व्याख्यान के पश्चात डा अनिल सुलभ और श्री परशुरामन के बीच हुई वार्ता के पश्चात यह सुनिश्चितत हुआ कि अक्टूबर महीने से प्रत्येक ६ माह पर प्रशिक्षित पुनर्वास विशेषज्ञों का एक दल मौरिशस भेजा जाएगा। सभी विशेषज्ञों को आवासीय सुविधा के साथ लगभग एक लाख रूपए मासिक वृत्ति प्राप्त होगी, जो बाद में बढ़ाई जा सकेगी। रैनबो फ़ाउंडेशन बिहार के विकलांगों के पुनर्वास और प्रशिक्षण के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।

संस्थान के निदेशक-प्रमुख डा सुलभ ने अंग-वस्त्रम देकर श्री परशुरामन का अभिनन्दन किया तथा विद्यार्थियों के उत्साह-वर्द्धक व्याख्यान के लिए आभार प्रकट किया। आरंभ में संस्थान के छात्र-कल्याण संकाय के अध्यक्ष और अधिवक्ता अहसास मणिकान्त ने अतिथियों का स्वागत किया। मंच संचालन फ़िजीथेरापी की वरीय छात्रा निहारिका कुमार ने किया। इस अवसर पर प्रो मुकेश कुमार ओझा, प्रो मधुमाला, प्रो चंद्र आभा, प्रो संतोष कुमार सिंह, प्रशासी पदाधिकारी सूबेदार संजय कुमार समेत बड़ी संख्या में संस्थान के संकाय और विद्यार्थी उपस्थित थे

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