बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी-पखवारा के तीसरे दिन आयोजित हुई व्याख्यान प्रतियोगिता


प्रांजल हिन्दी में विद्यार्थियों ने दिए व्याख्यान, पुस्तक-मेला से ख़रीदीं किताबें 

पटना, ०३ सितम्बर। प्रत्येक विद्यार्थी को अपने व्याख्यान-कौशल को विकसित करना चाहिए। लड़कियों को और भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह कौशल व्यक्ति को प्रभावशाली बनाता है। व्यक्ति का पहला परिचय बातचीत से ही होता है। प्रभावशाली व्याख्यान के लिए भाषा की शुद्धता नितान्त आवश्यक है। 

यह बातें बुधवार को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित हिन्दी पखवारा-सह-पुस्तक चौदस मेला के तीसरे दिन विद्यार्थियों के लिए आयोजित "व्याख्यान-प्रतियोगिता" का उद्घाटन करते हुए, बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती अप्सरा ने कही। इस अवसर प्रायः सभी विद्यार्थियों ने प्रांजल हिन्दी में, "मेरे प्रिय साहित्यकार" विषय पर अपने व्याख्यान दिए, जिनकी विद्वानों ने भूरी-भूरी सराहना की। विद्यार्थियों और पुस्तक-प्रेमियों ने आज भी पुस्तकों का बड़ी संख्या में क्रय किया। दस प्रतिशत से लेकर पचास प्रतिशत की मिल रही छूट से पुस्तक-प्रेमियों में पर्याप्त उत्साह देखा जा रहा है। 

प्रतियोगिता में,शिवम् कौंवेंट,न्यू बाइपास, पटना, ज्ञान निकेतन, गोला रोड, पटना, महिला महाविद्यालय, विक्रम, पटना, पी एन ऐंग्लो माध्यमिक विद्यालय, नया टोला, डॉन बास्को एकेडमी, दीघा तथा बाल्डविन ऐकेडमी, धवलपुरा, पटना के विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा मधु वर्मा, साहित्य मंत्री भगवती प्रसाद द्विवेदी, आयोजन समिति के संयोजक ई अशोक कुमार, प्रेमलता सिंह राजपुत, कृष्ण रंजन सिंह, बाँके बिहारी साव, डा नागेश्वर प्रसाद यादव, लेखक अशोक कुमार सिंह, डा करुणा पीटर, शिक्षिका शालू श्रीवास्तव समेत विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाएं एवं अभिभावक गण उपस्थित थे।

प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान पानेवाले विद्यार्थियों को क्रमश: एक हज़ार, सात सौ और पाँच सौ रुपए की पुरस्कार राशि के साथ पदक और प्रमाण-पत्र से, आगामी १५ सितम्बर को, हिन्दी पखवारा के समापन समारोह में, पुरस्कृत किया जाएगा। प्रत्येक प्रतिभागी को सहभागिता प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। कल ४ सितम्बर को सम्मेलन के पूर्व अध्यक्ष डा विष्णु किशोर झा "बेचन" की जयंती, स्मृति-सम्मान तथा कवि-सम्मेलन संपन्न होगा।

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