सुनकर लिखने की सुंदर कला है

आज आयोजित होगी व्याख्यान प्रतियोगिता, पुस्तक चौदस मेले में पचास प्रतिशत की छूट, बढ़ रही भींड़ 

पटना, 0२ सितम्बर। हिन्दी पखवारा के अंतर्गत मंगलवार को, बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन में, विद्यार्थियों के लिए "श्रुतलेख-प्रतियोगिता" का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता का उद्घाटन करते हुए वरिष्ठ लेखिका किरण सिंह ने कहा कि "श्रुतलेख", सुनकर लिखने की सुंदर कला है। इससे मेधा, एकाग्रता और श्रवण-क्षमता की भी परख होती है। इसमें वाचक को भी सावधान रहना होता है। उच्चारण-दोष से अनेक भूलें हो सकती हैं। 

प्रतियोगिता में ८वीं कक्षा तक के विद्यार्थी सम्मिलित किए गए थे। सम्मेलन के साहित्यमंत्री भगवती प्रसाद द्विवेदी ने अपनी पुस्तक "सचित्र राम कथा" की कहानी "होनहार वीरवान" के अंश का वाचन किया, जिसे सुन कर विद्यार्थियों ने लेखन किया। 

इस अवसर पर सम्मेलन की उपाध्यक्ष डा मधु वर्मा, प्रतियोगिता आयोजन समिति के संयोजक ईं अशोक कुमार, बाँके बिहारी साव, कृष्णरंजन सिंह, प्रेमलता सिंह राजपुत,डा पूनम आनन्द, प्रवीर कुमार पंकज, इन्दुभूषण सहाय, प्रशंसा दीवान, डा विजय कुमार सिन्हा, निर्मला सिंह समेत विद्यार्थियों के अभिभावक और शिक्षक गण उपस्थित थे।

प्रतियोगिता में किलकारी बिहार, बाल भवन, सैदपुर, पटना, प्रभु तारा उच्च विद्यालय, गुलज़ार बाग, शिवम् कौंवेंट, न्यू बाइपास रोड,पटना,दिल्ली पब्लिक स्कूल, पटना, कार्मेल हाई स्कूल, बेली रोड, पटना के विद्यार्थियों ने भाग लिया। सम्मेलन में लगाए गए पुस्तक चौदस मेले के विभिन्न दीर्घाओं से विद्यार्थियों और अभिभावकों ने पुस्तकों की भी ख़रीद की। पुस्तक मेले में "राष्ट्रीय पुस्तक न्यास" और बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन समेत विभिन्न प्रकाशकों की पुस्तकें  10 से 50 प्रतिशत तक की छूट पर मिल रही हैं ।

पखवारा के तीसरे दिन बुधवार को पूर्वाह्न ११ बजे से विद्यार्थियों के लिए व्याख्यान प्रतियोगिता आयोजित है। प्रतियोगिताओं प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को क्रमश; एक हज़ार एक सौ रुपए, सात सौ रुपए तथा पाँच सौ रुपए के साथ पदक और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे। सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण-पत्र प्राप्त होंगे।

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