नहीं रहे हिन्दी-सेवी वीरेन्द्र कुमार सिंह

निधन पर साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष ने किया शोक-व्यक्त 

पटना, १२ अगस्त। सुप्रसिद्ध हिन्दी-सेवी और बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के संरक्षक-सदस्य वीरेन्द्र कुमार सिंह नहीं रहे। मंगलवार की सुबह साढ़े पाँच बजे, ८० वर्ष की आयु में उन्होंने गुरुग्राम (हरियाणा) स्थित मेदांता अस्पताल में अपनी अंतिम साँस ली । उन्हें रक्त में संक्रमण तथा मस्तिष्क में रक्त जमा होने की शिकायत पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था ।

उनके निधन पर साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ अनिल सुलभ ने गहरा शोक व्यक्त किया है। अपने शोक-संदेश में उन्होंने कहा है कि स्वर्गीय सिंह किशोर वय से ही राष्ट्रभाषा की सेवा में मन-प्राण से लग गए थे। उनके साहित्य के मूल में अध्यात्म और संस्कृति की प्रधानता थी। उनकी पुस्तक “ भारतीय संस्कृति का गौरव : गया” को पर्याप्त प्रसिद्धि प्राप्त हुई थी। वे एक पुण्यात्मा हिन्दी-सेवी थे। 

स्वर्गीय सिंह जी पटना जिले के बहादुरपुर करौता ग्राम के निवासी थे । पटना के लोहानीपुर में आपका अपना घर है । आप अधिवक्ता रणजीत कुमार सिंह समेत पाँच पुत्र और दो पुत्रियों का एक भरापुरा परिवार छोड़ गए हैं ।

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