नहीं थम रहा SIR का विरोध
पटना,19 जुलाई। बिहार में चुनाव के ऐनवक्त मतदातांओं का विशेष गहन पुनरीक्षण  (SIR) सियासी मुद्दा बना है। संसद और बिहार विधान मंडल का 21 जुलाई से शुरु हो रहे मौनसून सत्र में यह मुद्दा गूंजेगा। 22 नवंबर के पहले 18वीं विधानसभा चुनाव के लिए 30 सितम्बर को मतदाता सूची प्रकाशित होगी। इसी के बाद चुनाव प्रक्रिया शुरु होगी।
इधर चुनाव आयोग ने बिहार में 95.92% मतदाताओं का विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य पूरा कर लिए जाने की घोषणा की है। आयोग का कहना है कि अभी भी 6 दिन शेष हैं। 25 जुलाई तक वोटर फार्म जमा होने हैं।इसलिए जब तक समय बचा हुआ है तब तक प्रत्येक छूटे हुए मतदाता तक पहुंचने का प्रयास जारी हैं। चुनाव आयोग ने यह भी कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बीएलओ/बीएलए ऐसे मतदाताओं का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं, जिनका विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य अब तक नहीं हो पाया है। 
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि बिहार में इस बार 12817 नये मतदान केन्द्र बनाये गये हैं। इस तरह अब मतदान केन्द्रों की कुल संख्या बढ़कर हुई 90712 हो गई है। 
 अभी करीब 8 करोड़ वोटर हैं। पुनरीक्षण में मृत वोटर, दो जगह नाम वाले वोटर और घर से दूर और फार्म नहीं भरने वाले लाखों की संख्या में वोटर कम जायेंगे।विपक्ष इसी का विरोध कर  रहा है। वहीं आयोग में बिहार के बाद पूरे देश भर में पुनरीक्षण अभियान शुरु करने की चर्चा है।

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