23 लाख केंद्रीयकर्मियों के लिए  अप्रैल,2025 से एकीकृत पेंशन योजना लागू होगी

नई दिल्ली,24 अगस्त। देश-भर के 23 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को लागू करने की  मांग के बीच केंद्र सरकार ने शनिवार को अहम निर्णय लिया है। केंद्रीय कर्मचारियों के लिए नई पेंशन स्कीम लागू करने की घोषणा सरकार ने की है। पेंशन स्कीम को लेकर सियासी घमासान चलता रहा है। ओपीएस को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार को घेरती रही है।
 पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में  एक बड़ा फैसला लेते हुए देश में पेंशन योजना का नया प्रारूप पेश किया, जिसे एकीकृत पेंशन योजना अथवा यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) नाम दिया गया है। यह योजना देश भर में 1 अप्रैल  2025 से लागू होगी।
कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना प्रसारण और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कर्मचारियों की ओर से ये मांग की गई थी कि उन्हें सुनिश्चित पेंशन दी जाए। सरकार ने इस मांग पर रिसर्च की और 50 फीसदी सुनिश्चित पेंशन योजना को लेकर आई है।यह पेंशन का एक और विकल्प रहेगी। देश में मौजूद नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) फिलहाल जारी रहेगी। कर्मचारियों को पुरानी और नई योजना में से किसी एक को चुनने का विकल्प रहेगा। एनपीएस और यूपीएस दोनों में एक चुनने का विकल्प होगा। जो पहले से एनपीएस चुन चुके हैं उन्हें भी इसका फायदा मिलेगा।  इस योजना का लागू करने से पहले पीएम मोदी ने दिन में केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी।नई योजना के अहम बिंदु
- 25 साल या उससे ज्यादा समय तक नौकरी करने वालों को पूरा लाभ मिलेगा।
- पेंशन तय करने के लिए रिटायरमेंट के वक्त पिछले 12 महीनों में ली गई सेलरी के बेसिक हिस्से का औसत निकालकर पेशन तय होगी। मौटे तौर पर यह बेसिक का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर मिलेगा।
- नौकरी में रहते हुए अगर कर्मचारी का निधन होता है तो उसके परिवार या साथी को फैमिली पेंशन का 60 मिलेगा। फिलहाल यह 50 फीसदी है। फैमिली पेंशन आधी मिलती है।
- पेंशन पाने के लिए कम से कम दस साल की सेवा अनिवार्य रहेगी। न्यूनतम 10 साल की नौकरी के बाद रिटायर होने पर 10,000 रुपये प्रति माह सुनिश्चित न्यूनतम पेंशन।
- कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस दोनों में एक चुनने का विकल्प होगा। जो पहले से एनपीएस चुन चुके हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा। माना जा रहा है कि एनपीएस वालों को यूपीएस में जाने से फायदा होगा।
- केंद्र की योजना के आधार पर राज्य सरकार भी इसी मॉडल को लागू कर सकेंगी।
- इसके लिए कर्मचारियों को अलग से अंशदान नहीं करना होगा। इसका हिस्सा केंद्र सरकार उठाएगी, जो लगभग 18 फीसदी रहेगा। जबकि कर्मचारी का योगदान एनपीएस की ही तरह इसमें भी दस फीसदी रहेगा।
- योजना में महंगाई इंडेक्सेशन का लाभ मिलेगा।
- रिटायरमेंट पर ग्रेच्युटी के साथ-साथ हर छह महीने की सेवा के बदले मासिक वेतन (वेतन+डीए) का दसवां हिस्सा जुड़ कर मिलेगा। यह रकम तयशुदा पेंशन से कम नहीं होगी।
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