सुप्रीम कोर्ट के दो नये जज नियुक्त

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश के दो दिन बाद ही बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक अराधे और पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए अधिसूचना भी जारी हो गयी है। 
 सीजेआई की अध्यक्शता में पांच जजों के कॉलेजियम की बैठक में न्यायमूर्ति पंचोली की नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। 4 समर्थन में और 1 जज के के विरोध पर सिफारिश हुई।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,  सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बी. वी. नागरथना ने उनके नाम का विरोध किया था। जस्टिस बीवी नागरत्ना ने असहमति का नोट दिया था।‌ इसके बाद विस्तृत नोट सार्वजनिक भी हो गया। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि पहले ही सुप्रीम कोर्ट में गुजरात के दो जज हैं। तीसरा जज लाने से क्षेत्रीय संतुलन भी बिगड़ेगा। साथ ही ये नियुक्ति न्याय प्रशासन के लिए "उल्टा असर" करेगी और कॉलेजियम सिस्टम की विश्वसनीयता भी सवालों के कठघरे में होगी। उन्होंने जस्टिस पंचोली की वरीयता पर भी सवाल खड़े किए थे।
उनका विरोध खास तौर पर जस्टिस पंचोली के गुजरात हाईकोर्ट से पटना हाईकोर्ट तबादले की परिस्थितियों पर था। क्योंकि जिस तरह जस्टिस पंचोली को पटना हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाकर भेजा गया और अब उनको सुप्रीम कोर्ट बुलाने की तैयारी है। जस्टिस पंचोली अगस्त 2031 में जस्टिस जॉयमाल्य बागची के सेवानिवृत्त होने के बाद वरिष्ठतम जज होंगे। लिहाजा उनको देश का चीफ जस्टिस बनाया जा सकता है।

सर्वोच्च न्यायालय में इस समय जजों के 2 पद रिक्त हैं।‌ जस्टिस अराधे और जस्टिस पंचोली को यहां जज नियुक्त करने पर  जजों की संख्या फिर 34 हो जाएगी यानी कुल स्वीकृत पद पूरे भर जाएंगे।

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