12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपने मतदाता सूची (इलेक्टोरल रोल) के गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की घोषणा
नई दिल्ली।भारतीय चुनाव आयोग ने बिहार में चुनाव के पहले एसआईआर का विपक्ष के भारी विरोध की अनदखी के बाद सोमवार को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपने मतदाता सूची (इलेक्टोरल रोल) के गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर की घोषणा की है।
इसकी शुरुआत बिहार से की गई, जहां लगभग 69 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए, यानी ऐसे नाम जो अब पात्र नहीं थे। जैसे मृतक, डुप्लीकेट या बाहर शिफ्ट हो चुके लोग। इसके बाद बिहार की कुल वोटर संख्या करीब 7.43 करोड़ रह गई।भारत में पहला आधिकारिक SIR 2002 से 2004 के बीच किया गया था। यह उस समय एक बहुत बड़ी पहल थी क्योंकि तबतक वोटर लिस्ट में भारी गलतियां पाई जाती थीं। कई राज्यों में पुराने डेटा के कारण लाखों नाम दोहराए गए थे या गलत जगह दर्ज थे. 2003 में बिहार में भी एक बड़ा पुनरीक्षण अभियान चला था। यही वजह है कि अब चुनाव आयोग ने 2025 में नया SIR शुरू किया है।
चुनाव आयोग का कहना है कि यह विशेष पुनरीक्षण दोहराए गए नामों को हटाने और मृत मतदाताओं के नाम मिटाने के लिए किया जा रहा है।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि एसआईआर का पहला चरण पूरा हो गया है।
इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होगा एसआईआर?
1.अंडमान और निकोबार
2.छत्तीसगढ़
3.गोवा
4.गुजरात
5.केरल
6.लक्षद्वीप
7.मध्य प्रदेश
8.पुडुचेरी
9.राजस्थान
10.उत्तर प्रदेश
11.पश्चिम बंगाल
12.तमिलनाडु
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि एसआईआर के दस्तावेज़ में आधार मान्य है।
 मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा है कि एसआईआर के दस्तावेज़ में आधार मान्य है।
 ज्ञानेश कुमार ने कहा कि एसआईआर की आवश्यकता पर पहले बहुत चर्चा हो चुकी है लेकिन हर चुनाव से पहले इलेक्टरोल रोल का रिवीजन आवश्यक है।



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