दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा,एक चरण में  5 फरवरी को चुवाव और 8 फरवरी को परिणाम

दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा है
दिल्ली में बीते 12 वर्षों से आम आदमी पार्टी की सरकार है। इस सरकार ने 2013, 2015 और फिर 2020 के चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल की।

 
नई दिल्ली,07 जनवरी। चुनाव आयोग ने आज दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी । एक चरण में 5 फरवरी को चुनाव होगा । 1.55 करोड मतदादा हैं।
तीन सदस्यीय चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की।
साल 2020 के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा के खाते में आठ सीटें आई थीं। जबकि, कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था। दिल्ली की सत्ता पर इस बार हैट्रिक लगाने की तैयारी में है।वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार 7.26 लाख और 2024 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 3.10 लाख वोटर्स दिल्ली में बढ़े हैं। 2020 के चुनाव में दिल्ली में 1.47 करोड़ मतदाता थे, जबकि, पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में दिल्ली में मतदाताओं की संख्या 1.52 करोड़ से अधिक थी।
इस बार भी दिल्ली में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखा जा सकता है।दिल्ली की सत्ता पर  आम आदमी पार्टी (आप) सत्ता कायम रखने  की तैयारी में है। पार्टी के संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए यह चुनाव करो या मरो जैसा है । राष्ट्रीय पार्टी कक मान्यताप्राप्त आप की पंजाब में भी सरकार है। शराब नीति घोटाला मामले में सीएम रहते अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और जेल से राज करने का इतिहास रचने वाले अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार बड़ा मुद्दा बना है। जमानत मिली पर सुप्रीम कोर्ट की पाबंदियों के कारण केजरीवाल ने इस्तीफा को विवश हुए। अतिशी को सीएम बनाया है। वह अपने को केजरीवाल के बदले कामचलाऊ सीएम बता काम कर रही हैं। यह चुनाव आप के कई वरिष्ठ नेताओं की भ्रष्टाचार मामले में जेल व बेल के कारण लिटमस टेस्ट है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को ही  अंतिम मतदाता सूची जारी की है। इस चुनाव में करीब दो लाख के मतदाता 18 से 19 वर्ष के हैं। वह पहली बार विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इस सूची में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं।
वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव की तुलना में इस बार 7.26 लाख और 2024 के लोकसभा चुनाव की तुलना में 3.10 लाख वोटर्स दिल्ली में बढ़े हैं। 2020 के चुनाव में दिल्ली में 1.47 करोड़ मतदाता थे, जबकि, पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में दिल्ली में मतदाताओं की संख्या 1.52 करोड़ से अधिक थी।
[07/01, 6:07 pm] Arun Kumar Pandey: राजीव कुमार ने कहा, देश में कुल मतदाताओं की संख्या कुल 99 करोड़ पार करने वाली है. हम एक अरब वोटर्स वाला देश बनने वाले हैं. ये एक विश्व  रिकॉर्ड होगा. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार 18 फरवरी को रिटायर होने वाले हैं.
[ दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को समाप्त हो रहा हैचुनाव की अधिसूचना 10 जनवरी को जारी होगी।गौरतलब है कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 67 सीटें हासिल कर बंपर जीत दर्ज की थी। वहीं, वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 में से 62 पर जीत दर्ज की थी। भाजपा को वर्ष 2015 में 3 और 2020 में महज 8 सीटों से संतोष करना पड़ा था।
विधानसभा बनने के बाद दिल्ली में पहला चुनाव 1993 में हुआ था। दिल्ली में लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन भी रहा।
आतिशी दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री और महिलाओं की सूची में तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। दिल्ली में अब तक दो महिला मुख्यमंत्रियों ने सीएम की कुर्सी संभाल चुकी हैं। उनसे पहले भारतीय जनता पार्टी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सबसे लंबा कार्यकाल शीला दीक्षित का रहा। शीला दीक्षित 1998 में दिल्ली की मुख्यमंत्री सीएम बनी और 15 सालों तक सीएम बनी रहीं और सुषमा स्वराज 1998 में केवल 52 दिनों के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री की कमान संभाली।
विधानसभा बनने के बाद दिल्ली में पहला चुनाव 1993 में हुआ था। दिल्ली में लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन भी रहा।                                  इन मुख्यमंत्रियों ने संभाली राजधानी की कमान
ब्रह्म प्रकाश ,गुरमुख निहाल सिंह ,मदन लाल खुराना (1993 से मुख्यमंत्री),
साहिब सिंह वर्मा,सुषमा स्वराज
शीला दीक्षित,अरविंद केजरीवाल ,आतिशी मार्लेना (मौजूदा मुख्यमंत्री)
विधानसभा बनने के बाद दिल्ली में पहला चुनाव 1993 में हुआ था। दिल्ली में लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन भी रहा।आतिशी दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री और महिलाओं की सूची में तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। दिल्ली में अब तक दो महिला मुख्यमंत्रियों ने सीएम की कुर्सी संभाल चुकी हैं। उनसे पहले भारतीय जनता पार्टी की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। सबसे लंबा कार्यकाल शीला दीक्षित का रहा। शीला दीक्षित 1998 में दिल्ली की मुख्यमंत्री सीएम बनी और 15 सालों तक सीएम बनी रहीं और सुषमा स्वराज 1998 में केवल 52 दिनों के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री की कमान संभाली। विधानसभा बनने के बाद दिल्ली में पहला चुनाव 1993 में हुआ था। दिल्ली में लंबे समय तक राष्ट्रपति शासन भी रहा। 
इन मुख्यमंत्रियों ने संभाली राजधानी की कमान
ब्रह्म प्रकाश ,गुरमुख निहाल सिंह ,मदन लाल खुराना (1993 से मुख्यमंत्री),साहिब सिंह
 वर्मा,सुषमा स्वराज,शीला दीक्षित,
अरविंद केजरीवाल ,आतिशी मार्लेना (मौजूदा मुख्यमंत्री)

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