जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव अब केन्द्र के पाले में

 
 जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया तेज,एक और बाधा खत्म 
 5 अगस्त 2019 को गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर कोसे अलग कर लद्दाख सहित दोनों राज्यों को केन्द्र शासित बनाने की पहल की थी
 केन्द्र शासित जम्मू कश्मीर में 10 वषों के बाद हुए चुनाव में  नेशनल कॉन्फ्रेंस की सरकार बनने के बाद सीएम उमर अब्दुल्ला ने चुनाव में किए वादों को पूरा करने हेतु  कैबिनेट की पहली ही बैठक में जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल का पहला प्रस्ताव को पारित कर दिया। इसके बाद सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी के लिए उपराज्यपाल के पास भेज दिया था। एलजी ने इस प्रस्ताव पर बड़ा फैसला लिया है।।

जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई थी, जिसमें जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। इसके बाद सरकार ने इस प्रस्ताव को राज्यपाल मनोज सिन्हा के पास भेज दिया। इस पर एलजी ने शनिवार को जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। अब अभी इस प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की मुहर लगनी बाकी है।
 जम्मू कश्मीर में विधानसभा का पहला सत्र 4 नवंबर को होगा, जिसे उपराज्यपाल संबोधित करेंगे। इससे पहले उमर अब्दुल्ला सरकार द्वारा पारित प्रस्ताव में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिससे यहां की जनता को फिर से संवैधानिक अधिकार मिल सके और उनकी पहचान की सुरक्षा हो सके।

कैबिनेट मीटिंग में अनुच्छेद 370-35A पर कोई चर्चा नहीं

उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट बैठक में अनुच्छेद 370 और 35A को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई। उपराज्यपाल की मुहर से जम्मू कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की उम्मीद को बल मिला है। एलजी ने प्रस्ताव को मंजूरी देकर गेंद केंद्र सरकार के पाले में डाल दी। अगर अब केंद्र सरकार की ओर से भी इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा।
इसको लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट में पहले से विचाराधीन है।10 नवंबर को रिटायर होने से पहले सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ की बेंच से फैसला हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट के हो निर्णय पर चुनाव जल्दी में हुआ है। विपक्षी महागठबंधन चुनाव में पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने को ही प्रमुख मुद्दा बनाया था। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेता भी भाजपा के सत्ता मिलते ही पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा देते रहे थे।

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