इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन परीक्षा प्रक्रिया सुधार पर सात सदस्यीय पैनल का  करेंगे नेतृत्व
पेपर लीक हुआ तो 10 साल जेल,₹1 करोड़ तक जुर्माना, देश में एंटी-पेपर लीक कानून आधी रात से लागू, नोटिफिकेशन जारी
नई दिल्ली,22 जून।क्षा मंत्रालय: केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि परीक्षा प्रक्रिय में सुधार के लिए गठित सात सदस्ययीय पैनल का नेतृत्व पूर्व इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन करेंगें। पैनल दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।
 इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन परीक्षा प्रक्रिया में सुधार पर सात सदस्यीय पैनल का नेतृत्व करेंगे। इस बात की घोषणा केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने की है।शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट किया, "पारदर्शी, छेड़छाड़-मुक्त और शून्य-त्रुटि परीक्षा एक प्रतिबद्धता है। विशेषज्ञों की उच्च-स्तरीय समिति का गठन परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार करने, इसे समाप्त करने के लिए कदमों की श्रृंखला में पहला है। "सभी संभावित कदाचार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत करना और एनटीए में सुधार और छात्र हित और उनका उज्ज्वल भविष्य हमेशा हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।"
 केंद्र सरकार ने कहा है कि पैनल अपनी जांच की रिपोर्ट दो महीने के भीतर पेश करेगा। यूजीसी नेट को रद्द करने और नीट यूजी 2024 के कथित पेपर लीक को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की।
सात सदस्यीय समिति परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करेगी।
हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीजे राव और एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया इस समिति में शामिल हैं। समिति दो महीने के भीतर शिक्षा मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

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