ओम बिरला एक बार फिर से होंगे लोकसभा स्पीकर
 मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान लोकसभा स्पीकर रहे ओम बिरला आज फिर से नामांकन दाखिल करेंगे। उन्हें सर्वसम्मति से लोकसभा स्पीकर के लिए चुना जाना है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, टीएमसी और डीएमके समेत सभी विपक्षी दलों ने उनके नाम पर सहमति जताई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि सत्ता पक्ष ने भी डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देने पर सहमति जता दी है। इससे पहले विपक्ष ने कहा था कि यदि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को नहीं मिला तो हम स्पीकर के लिए अपना कैंडिडेट उतारेंगे।

18वीं लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच घमासान का पहला मौका नहीं है। इसी तरह की परिस्थिति 1952 में जब पहली लोकसभा का गठन हुआ उस वक्त भी आई थी। अध्यक्ष का निर्वाचन निर्विरोध नहीं हुआ था। 1967 और 1976 में भी ऐसा ऐसा मौका आया था।  
15 मई 1952 में पहली लोकसभा के सांसदों ने मिलकर देश के पहले लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव किया। इसमें कांग्रेस की तरफ से जी. वी. मावलंकर, जो साल 1946 से अध्यक्ष की कुर्सी पर पदासीन थे और उनके खिलाफ सदन में नए चुनकर आए शंकर शांताराम मोरे उम्मीदवार बने थे। हालांकि ये चुनाव तो कांग्रेस के लिए मात्र एक औपचारिकता थी क्योंकि लोकसभा में कांग्रेस के पास आसान बहुमत था। गणेश वासुदेव मावलंकर, जिन्हें प्यार से दादा साहब मावलंकर के नाम से याद किया जाता है और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनको "लोक सभा के जनक" की उपाधि से सम्मानित किया था।
मावलंकर भारत के स्वतंत्र होने के बाद से 1952 में पहली लोकसभा के गठन तक उसके अध्यक्ष बने रहे। इसलिए जब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनका नाम स्वतंत्र भारत की प्रथम लोक सभा के अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया तो किसी को आश्चर्य नहीं हुआ। सदन ने प्रस्ताव को 55 के मुकाबले 394 मतों से स्वीकार किया।लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हुए मतदान में विपक्ष के उम्मीदवार शंकर शांताराम मोरे ने खुद अपने विरोधी उम्मीदवार जी.वी. मावलंकर के पक्ष में मतदान किया था। इसके बाद शंकर शांताराम मोरे ने कहा, संसद की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं में, एक शालीन प्रथा प्रचलित है जिसके अनुसार जब अध्यक्ष पद के लिए दो उम्मीदवार प्रस्तावित किए जाते हैं, तो प्रत्येक उम्मीदवार दूसरे उम्मीदवार के लिए वोट करता है। मैंने आपके लिए वोट देकर उस परंपरा का पालन किया है।

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