हरियाणा में भाजपा की हैट्रिक,जम्मू-कश्मीर में एनसी-कांग्रेस सरकार
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में धारा समाप्त होने के बाद पहली बार तथा 10 वर्षों के बाद हुए विधानसभा एनसी-कांग्रेस की जीत के साथ उमर अब्दुल्ला के मुख्यमंत्री बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।वही हरियाणा में एग्जिट पोल के नतीजे के उलट भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई है।
जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों और हरियाणा में एक ही चरण में 90-90 विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनावों के नतीजे की मंगलवार घोषणा हुई। भाजपा ना 48 सीटें जीत कर पूर्व बहुमत प्राप्त करने के साथ हैट्रिक लगाई है।कांग्रेस ने 36 इनेलो ने 2 और तीन निर्दलीय विधायकों ने जीत दर्ज की है. आदमपुर विधानसभा सीट पर अभी पेंच फंसा हुआ है.
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन ने 49 सीटों के साथ बहुमत हासिल कर लिया है.उमर अब्दुल्ला ने बडगाम और गांदरबल दोनों सीटों से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की.
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हुए हैं, इससे पहले 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. तब बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी, दोनों दलों का गठबंधन 2018 के अंत में टूट गया और फिर कुछ महीनों बाद केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया और लद्दाख को अलग कर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. इस बार के चुनाव में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा सबसे अहम मुद्दा रहा है.नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीटों पर जीत हासिल कर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, बीजेपी को 29 सीटों पर जीत मिली है तो वहीं कांग्रेस के खाते में 6 सीटें आई हैं. इसके अलावा महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने 3 सीटों पर जीत दर्ज है.
 चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती को हार का सामना करना पड़ा है. वहीं जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का भी खाता खुला है, AAP उम्मीदवार मेहराज मलिक ने डोडा सीट पर 4538 वोटों से जीत दर्ज की है.

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