महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार,38 मंत्री बने,इडी,सीबीआई की जांच में घिरे और भ्रष्टाचार आरोपी को भी जगह मिली
 महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति (एनडीए) को मिली शानदार जीत के बाद सरकार और कैबिनेट विस्तार के लिए भी इंजार करना पड़ा। कैबिनेट विस्तार रविवार (15 दिसंबर) को हुआ। ईडी और सीबीआई जांच में घिरे,भ्रष्टाचार मामले के कईआरोपी चेहरा को भी कैबिनेट में जगह मिली । मानो महायुति के लिए भ्रष्टाचार आरोप नहीं शिष्टाचार हो गया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कुल 38 मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें 33 कैबिनेट और 5 राज्यमंत्री शामिल हैं। यह शपथ समारोह नागपुर स्थित विधानभवन में शीतकालीन सत्र से ठीक एक दिन पहले हुआ। बीजेपी कोटे से 20, शिवसेना (शिंदे) से 10 और एनसीपी (अजित) से 8 विधायकों को मंत्री बनाया गया। देवेन्द्र फडणवीस (भाजपा) सीएम,एकनाथ शिन्दे (शिवसेना)और अजित पवार(एनसीपी) डिप्टी सीएम पहले ही बन चकै हैं। कैबिनेट में जगह नहीं मिलने का विरोध भी सामने आया है। सबसे पहले बीजेपी कोटे से चंद्रशेखर बावनकुले और गोपीनाथ मुंडे की बेटी पंकजा मुंडे ने मंत्री पद की शपथ ली। उधर, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजित गुट) ने अपने विधायकों से कहा है कि मंत्री पद की शपथ लेने के बाद उनका कार्यकाल सिर्फ ढाई साल का होगा।बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर प्रभावती कृष्णराव बावनकुले ने सबसे पहले शपथ लीदरअसल भंडारा विधानसभा क्षेत्र के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने मंत्री पद मिलने पर नाराजगी जाहिर की है। नरेंद्र भोंडेकर ने शिवसेना के उपनेता और विदर्भ संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया है। शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही शिंदे गुट मंत्री पद को लेकर नाराजगी दिखा रहा है।इसमें एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई, जिससे उनके समर्थकों में नाराजगी हैसमर्थकों ने जमकर हंगामा किया. नासिक में भुजबल समर्थकों ने एनसीपी ऑफिस के बाहर टायर जलाया। उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार से जब सवाल छगन भुजबल को कैबिनेट में जगह नहीं देने पर सवाल किया तो फिलहाल उन्होंने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
उन्होंने ये साफ कर दिया कि उनकी पार्टी के जितने विधायकों को मंत्री बनाया गया है वह ढाई साल तक ही सरकार में रहेंगे.
ढाई साल शिंदे सरकार में मंत्री रहे कई दिग्गजों को फडणवीस कैबिनेट में जगह नहीं मिल सकी है. फडणवीस के मंत्रिमंडल में 15 ऐसे चेहरे हैं, जिनको पहली बार मंत्री बनने का अवसर मिला है. वहीं, शिंदे सरकार में रहे कई दिग्गज नेताओं का फडणवीस सरकार में पत्ता कट गया है. एनसीपी के दिग्गज नेता और ओबीसी चेहरा माने जाने वाले छगन भुजबल को मंत्री नहीं बनाया गया तो दिलीप वलसे पाटिल को भी जगह नहीं मिली. बीजेपी के सुधीर मुनगंटीवार और शिवसेना से अब्दुल सत्तार व दीपक केसरकर मंत्रिमंडल में नहीं लिए गए हैं.ल बाद दूसरे विधायकों को मौका दिया जाएगा.

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