राहुल गाँधी ने मैच फ़िक्सिंग की बात कर बिहार में हार स्वीकार कर ली:सम्राट चौधरी

- *7 में से 2 पूर्व चुनाव आयुक्तों को राज्यपाल,  3 को पद्म विभूषण, एक को  दिया मंत्री पद*

- *एनडीए को मोदी -नीतीश के काम पर भरोसा, चुनाव के लिए हर समय तैयार*

पटना। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने चुनाव में  "मैच फ़िक्सिंग" के राहुल गाँधी के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि जो हारता है, वही ऐसी बात करता है। 
 श्री चौधरी ने कहा कि असल में मैच फ़िक्सिंग  तो कांग्रेस के शासन काल में होती थी, जब मुख्य चुनाव आयुक्तों के पद से रिटायर होने के बाद सत्तारूढ दल के प्रति वफादारी का पुरस्कार तुरंत दिया जाता था। 
उन्होंने  कहा कि राहुल गाँधी बतायें कि 1967 से 2009 तक कांग्रेस राज में जो 7 चुनाव आयुक्त हुए, उनमें से 2 पूर्व चुनाव आयुक्तों को राज्यपाल,  3 पूर्व चुनाव आयुक्तों को पद्म विभूषण और एक पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त को केंद्रीय मंत्री बनाना क्या मैच फिक्सिंग का पुरस्कार था? 
   श्री चौधरी ने कहा कि राहुल गाँधी को लालू प्रसाद से पूछना चाहिए कि बिहार में उनके राज में मतपेटी से राजद का जिन्न कैसे निकलता था? 
   उन्होंने कहा कि कांग्रेस और इंडी गठबंधन को जहाँ जनता नकार देती है, वहाँ वे मैच फ़िक्सिंग का रोना रोते हैं और चुनाव आयोग पर अनर्गल आरोप लगाते हैं। वे अपनी विजय को "लोकतंत्र की जीत" और अपनी हार को "मैच फ़िक्सिंग" बता कर धोखा देते हैं। 
श्री चौधरी ने कहा कि इस बार की यात्रा में राहुल गाँधी ने स्वीकार कर लिया कि बिहार में कांग्रेस गठबंधन का सूपड़ा साफ होने वाला है, इसलिए मुंह छिपाने के लिए अभी से मैच फिक्सिंग का फर्जी नरेटिव बना रहे हैं। 
  उन्होंने कहा कि यदि जनता पर भरोसा है तो कांग्रेस अपनी सरकारों से इस्तीफा दिलवा कर चुनाव करवाए। बिहार में एनडीए किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है। हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों पर भरोसा है। 

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