मिट्टी से निर्मित परम्परागत मूर्तिकला कार्यशाला का हुआ समापन

पटना।
बुद्ध स्मृति पार्क संग्रहालय, इंटैक, पटना चैप्टर एवं योर हेरिटेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मिट्टी से निर्मित परम्परागत मूर्तिकला कार्यशाला का समापन हुआ जिसमें 52 महिला, 1 पुरुष एवं 2 बाल कलाकारों ने भाग लिया। इनके द्वारा निर्मित कलाकृतियों के लिए "अनगढ़" प्रदर्शनी लगाई गई जो 19 जुलाई तक चलेगी। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए। 

परम्परा को जीवन्त रखने के लिए परम्परागत मिट्टी की मूर्तिकला से संबंधित कार्यक्रम आयोजित करना आवश्यक है। मेरे स्मरण में पटना शहर में ऐसी कार्यशाला पहली बार आयोजित की गई है। ये बातें सुप्रसिद्ध रंगकर्मी एवं साहित्यकार प्रेमलता मिश्र प्रेम ने कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संग्रहालय के पूर्व निदेशक उमेश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि मिट्टी से मूर्ति बनाने की कला समाज में हजारों वर्षों से व्याप्त है। डॉ. द्विवेदी ने मौर्य काल, शुंग काल एवं गुप्त काल में प्रचलित दुर्लभ मूर्तिकला के विषय में विस्तार से चर्चा किया। बिहार संग्रहालय के अपर निदेशक डॉ.अशोक कुमार सिन्हा ने कहा कि एक कला दूसरे कला की पूरक होती है। उन्होंने कहा कि पद्मश्री जगदंबा देवी मिथिला पेंटिंग्स के साथ साथ मिट्टीकला की भी प्रसिद्ध कलाकार थीं। उन्होंने कहा कि कलाकार मिट्टी कला से जुड़कर भी अपना भविष्य संवार सकती हैं। भोपाल के प्रसिद्ध पुरातत्वविद डॉ. जलज कुमार तिवारी ने कहा कि बिहार के पूरे क्षेत्र में घुमा परन्तु इस कार्यशाला में मिट्टी की जैसी कलाकृतियां बनाई गई हैं, वैसा कहीं नहीं देखा। इस तरह के कार्यक्रम से हमारी अपनी परंपरा समृद्ध होती है। अतिथियों द्वारा कलाकारों के कला कौशल की प्रशंसा कर उनका उत्साहवर्धन किया गया। आगत अतिथियों का स्वागत इंटैक, पटना चैप्टर के भैरव लाल दास ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन बुद्ध स्मृति संग्रहालय के प्रभारी शिव कुमार मिश्र ने किया। अलका दास ने कार्यशाला के रिसोर्स पर्सन्स कल्पना मिश्रा, नीता कर्ण, निभा लाभ एवं संजना दास को सम्मानित किया। इस अवसर पर योर हेरिटेज के निदेशक रचना प्रियदर्शिनी ने आगत अतिथियों को मिटृटी से बनी गोलघर की स्मृति चिन्ह प्रदान किया। कार्यक्रम में कला मर्मज्ञ गीता गुप्ता, वरिष्ठ कलाकार अर्चना सिन्हा, डॉ. विजया रानी, वरिष्ठ फोटोग्राफर विजय कुमार जैन, सुरेंद्र शैल, विनय कर्ण, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. निर्भय पांडेय, पशुपति सिंहा, आशा पांडेय सहित कला प्रेमी एवं कलाकारों के परिजन आदि उपस्थित थे।

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