बिहार में Land Survey के लिए सरकार ने एक साल के लिए समय सीमा बढ़ाई,
नये वर्ष 2025 के आगमन  और विधानसभा चुनाब के बचे 10 माह पहले आज नीतीश सरकार ने बड़े फैसला की घोषणा की है। जमीन सर्वे को लेकर लोगों की परेशानी और सियासी मुद्दा बनते देख सरकार ने 
बिहार में जमीन सर्वे के लिए  एक साल के लिए समय सीमा बढ़ा दी है। सीएम नीतीश कुमार ने आजादी के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव के पहले जुलाई,2025 तक भूमि सर्वे कराने का निर्णय और लक्ष्य तय किया था। अब इसे चुनाव बाद यानि वर्ष 2026 के जुलाई तक पूरा करने की नयी समय सीमा तय की गयी है।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने आज यहां  प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। उपलब्ध सूचना के अनुसार राज्य के 38 जिले के सभी 534 अचलों में 130 वर्षों के बाद भूमि सर्वे कराने का इतिहास रचने की तैयारी है।
अब जमीन सर्वे जुलाई 2026 तक पूरा करने का नया लक्ष्य रखा गया है। पहले चरण में 20 जिलों मेें शुुरु भूमि सर्वे काम अंतिम चरण मेें है। दूसरे चरण में शेष 18 जिलों में भी सर्वेक्षण का काम शुरु है।

पहली बार राज्य के शहरों में भी सर्वे करने का प्रस्ताव सरकार ने तैयार किया है।
6 शहरों सोनपुर, बांका, राजगीर, तारापुर, बक्सर और डेहरी का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया, केंद्र की संस्था नक्शा तैयार करेगी

जनवरी से जमाबंदियों को आधार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू होगी

1400 राजस्व अधिकारियों में से 458 राजस्व अधिकारियों पर कार्रवाई हो रही है, इन पर लोगों की जमीन संबंधी शिकायत वाले मामलों में गड़बड़ी करने का आरोप है

 

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