भूमि सर्वेक्षण कर्मियों का मानदेय बढा,चुनाव के पहले सर्वे पूरा होगा?

पटना,30 अक्टूबर। बिहार में भूमि सर्वेक्षण का विशेष कार्यक्रम अब और तेज होगा। इसको लेकर रैयतों की परेशानी देख विपक्ष इसका विरोध की अनदेखी कर सर्वे का कार्यक्रम हर हाल में पूरा करने की तैयारी है।इसी को लेकर 13 हजार संविदाकर्मियों को संविदा पर नियुक्त किया गया है। 
अंग्रेजी हुकुमत में 1919 में हुए सर्वेक्षण के बाद पहली बार विशप अभियान के तहत सर्वेक्षण कर जमीन का लेखाजोखा यथा खतियान,खाता,खेसरा,तौजी संख्या,जमीन की प्रकृति,कक्शा,जमीन मालिक का नाम,सरकारी जमीन आदि को अपडेट करने का कार्ययोजना बनी है।रैयतों से आनलाईन या आनलाईन विहित प्रपत्र में आवेदन लिए जा रहे हैं।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के आदेश में कहा गया है कि 6 अगस्त 2024 को विकास आयुक्त की अध्यक्षता में त्रिस्तरीय समिति की बैठक हुई थी. जिसमें संविदा नियोजित कर्मियों के मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया गया था. इसके तहत विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी का मानदेय 55000 से बढ़ाकर 65000 रू किया गया है. विशेष सर्वे कानूनगो को ₹32000 से ₹40000 का मानदेय किया गया है. सर्वेक्षण अमीन को 27000 की जगह पर अब 35000 रुपए मिलेंगे. सर्वे लिपिक को 25000 से बढ़कर ₹30000 किया गया है .अमीन अमानत को 18000 रुपए से बढ़कर ₹25000 मानदेय किया किया गया है. जबकि संविदा मोहर्रिर को ₹21000 से बढ़ाकर ₹25000 मानदेय किया गया है. बढ़ा हुआ मानदेय 1 अगस्त 2024 से प्रभावी होगा . भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जे. प्रियदर्शनी की तरफ से यह पत्र जारी किया गया है. सर्वे कर्मियों की ये बढ़ोत्तरी 4 हज़ार से 10 हज़ार रू तक की गई है. इससे 13 हज़ार से अधिक संविदा कर्मियों और अधिकारियों को फायदा होगा.मानदेय में य़ह बढ़ोत्तरी नए और पुराने सभी प्रकार के कर्मियों पर लागू होगी. 
उधर सरकार ने सर्वेक्षणकर्मियों की सुरक्षा,उनके काम में अवरोध या विरोध रोकने तथा कानून-व्यवस्था के मद्देनजर डीएम-एसपी को विशेष निर्देश दिया है।





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