सभी सरकारी भवनों में 30 नवंबर तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का निर्देश

•सीएमडी श्री पंकज कुमार पाल द्वारा एडवांस्ड मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर्स (AMISP) की समीक्षा बैठक में महत्वपूर्ण निर्देश जारी

•सभी मीटरिंग एजेंसियों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर के प्रचार प्रसार हेतु आईईसी कार्यों में तेजी लाने का दिया निर्देश

पटना,18 सितम्बर। ऊर्जा विभाग के सचिव एवं बीएसपीएचसीएल के सीएमडी श्री पंकज कुमार पाल ने आज दक्षिण एवं उत्तर बिहार में कार्यरत एडवांस्ड मीटरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विस प्रोवाइडर्स (AMISP) की प्रगति की समीक्षा की। इस बैठक में विद्युत आपूर्ति और उपभोक्ता सेवाओं में सुधार लाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए। इस दौरान साउथ एवं नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री महेंद्र कुमार व डॉ निलेश देवरे क्रमशः और विभाग के वरीय अधिकारीगण उपस्थित थे। नॉर्थ बिहार में कार्यरत मीटरिंग एजेंसी हाई प्रिंट, एनसीसी, अदानी पावर, सिक्योर मीटर्स लिमिटेड, ईईएसएल एवं साउथ बिहार में कार्यरत एजेंसी इंटेलिस्मार्ट व जीनस पावर के प्रतिनिधिगण भी उपस्थित थे। सीएमडी ने हाई प्रिंट, एनसीसी, अदानी पावर एवं ईईएसएल को तय समय सीमा के अंदर टारगेट नहीं पूरा करने के आलोक में ब्लैकलिस्ट व पेनाल्टी क्लॉज करने हेतु दोनों डिस्कॉम के प्रबंध निदेशकों को निर्देश दिया।

मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा द्वारा 17 सितंबर को हुए ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान स्पष्ट निर्देश दिए थे कि राज्य के सभी सरकारी भवनों में 30 नवंबर तक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य है। यदि इस समय सीमा तक किसी भी सरकारी भवन में स्मार्ट मीटर नहीं लगाए गए तो संबंधित भवनों के बिजली कनेक्शन काट दिए जाएंगे। इस निर्देश के आलोक में ऊर्जा विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार पाल ने सभी मीटरिंग एजेंसियों को अपने क्षेत्र में स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने सरकारी भवनों में चेक मीटर लगाने कहा ताकि उपभोक्ताओं के मन में कोई संशय न रहें। 

ज्ञात हो कि 5 सितंबर, 2024 को सीएमडी श्री पंकज कुमार पाल ने सभी मीटरिंग एजेंसी की समीक्षा की थी। इस मीटिंग में श्री पाल ने सभी को मानवबल बढ़ाने एवं आईईसी (इनफॉर्म, एजुकेट, कम्यूनिकेट) एक्टिविटी बढ़ाने हेतु निर्देश दिए थे।

श्री पंकज कुमार पाल ने एएमआईएसपी से जुड़े सभी एजेंसियों से स्पष्ट रूप से कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग सिस्टम को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए सेक्शन, ब्लॉक, पंचायत स्तर पर कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने सभी को डीटी एवं फीडर मीटरिंग में भी तेजी लाने एवं कंज्यूमर टैगिंग हेतु निर्देश दिए।

श्री पाल ने जोर देते हुए कहा कि उपभोक्ताओं के बीच स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग की जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर आईईसी गतिविधियाँ चलानी होंगी। इसके तहत जनसाधारण को स्मार्ट मीटरों के फायदों के विषय में जागरूक करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार-प्रसार किया जाना है।

ऊर्जा सचिव ने सभी एजेंसियों को निर्देश दिया कि स्मार्ट मीटरिंग कार्यों को सुगमता से संचालित करने के लिए आवश्यक मानव संसाधनों में वृद्धि की जाए। जनशक्ति के उचित प्रबंधन से मीटरिंग, बिलिंग और कलेक्शन के कामों में तेज़ी लाई जा सकेगी, जिससे उपभोक्ता सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। साथ ही त्रुटिरहित और निर्बाध सेवाओं के लिए साइट की वर्तमान स्थितियों को सुधारने पर भी जोर दिया। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि उन सभी साइटों पर बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित करनी होंगी, जहां स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं, ताकि कोई तकनीकी त्रुटि न हो और उपभोक्ताओं को बिना किसी बाधा के सेवा मिलती रहे।

उपभोक्ता संतुष्टि को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सीएमडी ने एजेंसियों को निर्देशित किया कि उपभोक्ताओं के अनुभव को बेहतर करने पर विशेष ध्यान दिया जाए। स्मार्ट मीटरिंग सिस्टम को ऐसा रूप दिया जाए कि उपभोक्ताओं को बिजली उपयोग, बिलिंग और भुगतान में किसी प्रकार की समस्या न हो।

यह समीक्षा बैठक उत्तर बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटरिंग सिस्टम के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए आयोजित की गई थी। इसका उद्देश्य AMISP द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं में निरंतर सुधार करना है, जिससे उपभोक्ताओं को सुलभ, पारदर्शी और विश्वसनीय विद्युत सेवा प्राप्त हो सके।

श्री पंकज कुमार पाल ने यह भी कहा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटरों के उपयोग से उपभोक्ताओं को उनकी बिजली खपत पर बेहतर नियंत्रण मिलेगा और बिजली बिलों में पारदर्शिता आएगी। इस दिशा में एएमआईएसपी को उपभोक्ता जागरूकता कार्यक्रमों को तेजी से लागू करना होगा ताकि अधिक से अधिक उपभोक्ता स्मार्ट मीटरिंग के फायदों का लाभ उठा सकें।

बैठक के अंत में, श्री पाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि उपभोक्ता सेवाओं में सुधार और स्मार्ट मीटरों के निर्बाध संचालन के लिए लगातार निगरानी और समीक्षा की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने एजेंसियों को समय पर सेवा देने और तकनीकी समस्याओं का तुरंत समाधान करने के लिए विशेष रूप से जोर दिया।

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