नीतीश राज में वित्तरहित शिक्षा नीति का बंटाधार,आठ साल से नहीं मिला अनुदान

वेतन संरचना लागू कर शिक्षकों व सहशैक्षिक कर्मियों के खाते में भुगतान किया जाये 
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पटना, 25 अक्टूबर -  कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के विधान पार्षद डाॅ संजीव कुमार सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री से मुलाकात कर अनुरोध पत्र के माध्यम से से मांग किया कि अनुदानित संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों के साथ ही माध्यमिक व इण्टर संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों तथा सहशैक्षिक कर्मियों  को परीक्षा परिणाम आधारित देय अनुदान की वर्तमान नीति की समीक्षा कर कोई भी वेतन-संरचना लागू करते हुए शिक्षकों और कर्मियों के खाते में ही राशि हस्तांतरित किया जाये, ताकि नियमित रूप से वहां के शिक्षकों और सहशैक्षिक कर्मियों को लाभ हो।

                        इसकी जानकारी देते हुए बिहार राज्य संबद्ध डिग्री महाविद्यालय शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारी महासंघ (फैक्टनेब) के अध्यक्ष डॉ शंभुनाथ प्रसाद सिन्हा एवं मीडिया प्रभारी प्रो अरुण गौतम ने बताया कि विधान पार्षद डाॅ संजीव कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान अपील किया कि बकाये सभी लंबित वेतनानुदान की राशि का एकमुश्त बजटीय उपबंध सुनिश्चित करते हुए अनुदान व आंतरिक श्रोत से प्राप्त आय का वितरण हस्तचालन पद्धति की जगह विश्वविद्यालयों तथा अंगीभूत महाविद्यालयों की भांति Application Software " Pay Roll Management System"  के माध्यम से ही किये जाने हेतु विभाग को यथोचित निर्देश दिया जाये।
                     फैक्टनेब नेताओं ने विधान पार्षद डाॅ संजीव कुमार सिंह द्वारा किए गए सार्थक प्रयास के लिए आभार प्रकट करते हुए बताया कि विभागीय व विश्वविद्यालय स्तरीय लापरवाही तथा संवेदनहीनता के परिणामस्वरूप संबद्ध डिग्री महाविद्यालयों में कार्यरत शिक्षक एवं सहशैक्षिक कर्मियों का परीक्षा परिणाम आधारित वेतनमद सहायक अनुदान राशि शैक्षणिक सत्र 2014-17 से अबतक (इण्टर खण्ड सहित) डेढ़ करोड़ एवं पच्चास लाख अधिकतम राशि बंधेज के साथ कुल आठ साल का बकाया है।
                      



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