अयोध्या से सीतामढ़ी तक 4553 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 256 किलोमीटर की रेल लाइन के दोहरीकरण
अयोध्या से सीतामढ़ी तक 4553 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 256 किलोमीटर की रेल लाइन के दोहरीकरण किया जायेगा। इसका फैसला आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया है।
प्रभु राम की जन्मभूमि अयोध्या से मॉ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी तक 4553 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 256 किलोमीटर की रेल लाइन के दोहरीकरण का काम पांच वर्षों में पूरा किया जायेगा ।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने पत्र के माध्यम से आदरणीय प्रधानमंत्री जी से मॉ सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी (पुनौरा धाम) हेतु रेल सम्पर्कता के संबंध में अनुरोध किया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने बिहार के लिए रेल मंत्रालय की 4553 करोड़ रुपये की कुल अनुमानित लागत वाली परियोजना को मंजूरी दी है। इस परियोजना के तहत नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड का दोहरीकरण किया जायेगा, जो 256 किलोमीटर लंबा है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के अनुसार इस परियोजना को पांच वर्षों में पूरी करने का निर्देश जारी किया गया है।
नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से परिवहन-संपर्क होगा मजबूत 
इस संबंध में बताया गया है कि नरकटियागंज-रक्सौल-सीतामढ़ी-दरभंगा और सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर खंड के दोहरीकरण से नेपाल, पूर्वोत्तर भारत और सीमावर्ती क्षेत्रों से परिवहन-संपर्क मजबूत होगा और मालगाड़ियों के साथ-साथ यात्री रेलगाड़ियों की आवाजाही में सुविधा होगी। इसके परिणामस्वरूप, क्षेत्र का सामाजिक और आर्थिक विकास होगा। मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना दो आकांक्षी जिलों (सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर) में परिवहन-संपर्क सुविधा बढ़ाएगी, जिससे लगभग 388 गांवों और लगभग 9 लाख आबादी को सेवा प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को इसके लिए आभार जताया है। 


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