विधानसभा  के पहले राजद का संगठनात्मक चुनाव संभावित
      पना,30 नवम्बर। बिहार में अगले वर्ष नवम्बर में अवश्यंभावी विधानसभा  के पहले राजद का संगठनात्मक चुनाव संभावित है।1997 में लालू प्रसाद द्वारा बनी पार्टी का वर्तमान:प्रत्येक तीन वर्ष पर संगठनात्मक चुनाव होता है। इस बार वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिह की जगह तनवीर हसन,आलोक मेहता व शिवचंद्र राम के नाम अभी से चर्चा में हैं। विधानसभा की हाल में चार सीटों के उपचुनाव में जगदानंद सिंह की रही सीट रामगढ में राज को करारी शिकस्त मिली है।राजद मुख्य मुकाबले में भी नहीं रहा।उसी तरह बेलागंज में राज का 34 वर्ष का किला ध्वस्त हो गया। राजद की कब्जे वाली एक सीट जदयू तो दूसरी सीट बीजेपी जीत ली। उसके बाद चर्चा है जगदानंद सिंह ने अध्यक्ष का काम बंद कर दिया है।वे उपचुनाव नतीजे के बाद पार्टी कार्यालय नहीं आये हैं।
[30/11, 4:20 pm] Arun Kumar Pandey: इधर पार्टी के जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव के कारण पार्टी का संगठनात्मक चुनाव पहले कराया जा सकता है।पार्टी की जनवरी में राष्ट्रीय कार्यकारणी की संभवत: पटना में बैदक कर 13वा संगठनात्मक चुनाव का कार्यकाल तय हो सकता है।चुनावी वर्ष में पार्टी का सदस्यता अभियान के साथ बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति अपवाई जा सकती है।                                लालू प्रसाद पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष होने के साथ लगातार अध्यक्ष बने हैं।चुनावी वर्ष में पार्टी की कमान उन्ही के पास होगी । पिछले चुनाव की तरह महागठबंधन  तेजस्वी के नेतृत्व पर ही चुनाव लड़ेगा और फिर नीतीश कुमार से ही मुकाबला होगा। इस बार के चुनाव में सत्तारूढ राजग और विपक्षी महागठबंधन के साथ जनसुराज पार्टी के जंग में कूदने और सभी 243 सीटों पर अचेले अपने दम लडने की तैयारी है। पीके ने 40 मुस्लिम और 40 महिलाओं को टिकट दैने के साथ अति पिछडों की भागीदारी बढाने के लिए 70 व्यक्तियों को  देने का वायदा कर हलचल बढा दी है। राजद के एमवाई समीकरण को ध्वस्त करने के लिए जनसुराज पार्टी मुसलमानों को साधने की विशेष रणनीति पर काम कर रही है। उधर राजद भी इस बार चुनाव में ए टू जेड की पार्टी यथा सभी जाति को साथ करने की रणनीति बना रहा है।

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