काश! वह 10 किलोमीटर... पहली पोस्टिंग पर जा रहे अपने आईपीएस बेटे की मौत से गम में है बिहार

 निरंजन की रिपोर्ट 

बिहार के सहरसा जिले के हर्षवर्धन सिंह 2023 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थे। कर्नाटक के हसन जिले में पहली पोस्टिंग के लिए जाने के दौरान सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई। युवा आईपीएस अधिकारी की मौत से उनका परिवार और बिहार के लोग गम में हैं। हर्षवर्धन सिंह अपने परिवार में सबसे बड़े बेटे थे। इंजीनियरिंग के बाद उन्होंने पहले अटैम्प्ट में ही यूपीएससी क्रैक की थी। उन्होंने 153 वां रैंक  हासिल किया था। ज्वॉइनिंग से पहले ही उन्हें इस दुनिया को अलविदा कहना पड़ा। उनकी मौत की सूचना मिलते ही गांव से लेकर सगे संबंधियों में शोक की लहर दौड़ गई। हर्षवर्धन सिंह सहरसा के सोनबरसा राज थाना क्षेत्र के फतेहपुर पडरिया गांव के निवासी थे। उनके रिश्तेदारों ने कहा कि 26 साल की उम्र में उन्होंने दो नौकरी छोड़ दी थी। जब भी वह गांव आते थे तो लगता ही नहीं था कि वे इतने बड़े अधिकारी हैं। लोगों ने कहा कि काश 10 किलोमीटर का और सफर पूरा हो जाता तो आज इस गांव का बेटा कर्नाटक में एसपी के पद पर तैनात होता। पिता एसडीएम हैं तो छोटा भाई यूपीएससी की तैयारी में जुटा हुआ है।
    उधर आईपीएस हर्षवर्धन सिंह के परिजन नन्हे ओर रश्मि ने बताया कि दो नौकरी से इस्तीफा देने के बाद आईपीएस में उनका चयन हुआ था। उनके पिता अखिलेश सिंह मध्य प्रदेश में एसडीएम हैं।  छोटे भाई आनंदवर्धन आईआईटी इंजीनियर है। वह भी यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। हर्षवर्धन सिंह की मैसूर में ट्रेनिंग हुई थी। इसके बाद उन्हें पहली पोस्टिंग कर्नाटक के हिसाल में मिली थी। यहां उन्हें अपर पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनाती दी गई थी। रविवार को वह कार से हिसाल जा रहे थे। 10 किलोमीटर का सफर बाकी था। इसी दौरान उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया। जानकारी के मुताबिक कार का टायर फट गया , जिससे वाहन अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में उनकी मौत हो गई वहीं चालक बुरी तरह जख्मी हो गया। लाश को कर्नाटक से हवाई मार्ग से पटना लाया जा रहा है। इसके  बाद आईपीएस श्री सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव में मंगलवार को किया जाएगा। बिहार अपने सुपात्र के निधन पर गमगीन है। काश ! 10 किलोमीटर का सफर कुशलतापूर्वक तय हो 0±

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