आजादी के 78 साल बाद भी माली समाज को नहीं मिल रहा है न्याय :कमलेश सैनी
बंटी पाण्डेय की रिपोर्ट 
गोविंदपुर(नवादा):- माली समाज को मुख्य धारा से जोड़ने व अपनी भागीदारी को स्थापित करने तथा सकारात्मक दिशा व दशा में ले जाने के लिए बुधवार को गणपति मैरिज हॉल में सैनी समाज का बैठक आहुत हुई
 जिसमें सैकड़ो की संख्या में सैनी समाज एकजुट हुए। बैठक का अध्यक्षता  विक्की मालाकार के नेतृत्व में हुआ। माली समाज के कद्देवार नेता सन ऑफ माली कमलेश सैनी ने अपने संबोधन में कहा कि सबसे पहले समाज के लोगों को एकजुट होना होगा। समाज के लोगों को अपनी शक्ति की पहचान की आवश्यकता है
सन ऑफ माली कमलेश सैनी ने कहा कि बिहार जाति आधारित गणना 2022-23 के अनुसार 349629 माली(मालाकार)हैं। 112 अति पिछडी जाति में माली की जनसंख्या 0.2672% है। माली जाति के  70750 परिवारों में 35.27%  यानि 24953 आर्थिक रूप से गरीब परिवार हैं।
 माली समाज की भलाई के लिए एकजुटता अनिवार्य है।  समाज में राजनीतिक जागृति के साथ शिक्षा का उजाला फैलाना होगा जिससे आने वाले समय में समाज की युवा पीढ़ी की राहें आसान हो सके। समाज में फैली कई तरह की कुरीतियों को मिटाने के साथ कई तरह के समाज हित के निर्णय पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया।
आजादी के 78 वर्ष के बाद भी माली  समाज को सत्ता में भागीदारी और हिस्सेदारी नहीं मिल रही है । सामाजिक और राजनीतिक न्याय से वंचित है।बिहार में किसी भी सदन का माली समाज से  सदस्य नहीं है। माली समाज से किसी आयोग का मेंबर तक भी नहीं कभी बनाया गया है । जो पार्टी माली समाज के साथ  न्याय  करेगी और उचित मानं-सम्मान देगी  आगामी विधानसभा में पूरा माली समाज एकजुट होकर जिस तरह से एक-एक फूल गूथ कर माला का निर्माण किया जाता है, ठीक उसी तरह एक-एक वोट  उस पार्टी की जीत के लिए माला का निर्माण करेंगे ।

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