पीके बोले-अगले 6 महीने बाद जहां भी खड़े होंगे, जन सुराज ही नजर आएगा।
जनसुराज पार्टी प्रत्याशी बनाने में  काबिलियत और छवि को मिलेगी प्राथमिकता 
सभी 243 सीटों पर अपने दमखम पर लड़ेगी,40-40 महिला व मुसलमान और 70 अति पिछड़ी जाति के होंगे प्रत्याशी
जनसुराज का अधिसंख्य प्रत्याशी पहली बार चुनाव लड़नेवाला होगा
चुनावी मैदान में कूदने के पहले टिकट के दावेदार के लिए 
क्षेत्र के पार्टी सदस्यों के बीच होगी वोटिंग 
नामचीन राजनीतिक चेहरा को नहीं कुछेक सगे-संबंधी को  तरजीह
टिकट बांटने में आबादी के हिसाब से भागिदारी का फार्मूला
एजेंडा:शिक्षा में सुधार,सबको रोजगार,वृद्ध को 2000 मासिक पेंशन,शराबंदी समाप्त,बैंकों मे जमा पूरी राशि  बिहार में ही निवेश की लडाई,बाढ का स्थायी समाधान,
थ्येय: प्रीपेड मीटर से निजात और भूमि सर्वे बंद कर अंचल कार्यालय को दुरुस्त करने के उपाय

बिहार में सिर्फ जन सुराज ही दिखेगा, पार्टी बनने से पहले प्रशांत किशोर का दावा 
छह चुनिंदा पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में बिहार की मेथा का दुनिया में डंका बजने का किया दावा
 बिहार के पिछडेपन  के लालू-नीश को जिम्मेदार और कांग्रेस-भाजपा को माना गुनागार
लालू-नीतीश की राजनीति से ऊब चुक जनता को बेहतर विकल्प की तलाश-जनसुराज है तैयार

अरुण कुमार पाण्डेय 

पटना : जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने 2 अक्टूबर को संगठन के दल बनाने से पहले नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल करने और तेजस्वी को स्त्ता मे आने से रोकने की रणनीति पर तेजी से काम करना शुरु कर दिया है। नवम्बर,2025 में नियत चुनाव के छह माह पहले ही जनसुराज के प्रत्याशी की घोषणा और एक वर्ष के कार्यकाल के लिए पहला अध्यक्ष किसी दलित को बनाने की प्रक्रिया चालू हो गयी है।  2 अक्टूबर को सभा मंच से अध्यक्ष सहित 25 सदस्यीय राज्य स्तरीय टीम की घोषणा होगी।
 2047 तक विकसित बिहार बनाने की परिकल्पना के साथ पंचायत  स्तर पर योजना का एवं कार्यान्वयन निरुपण का ब्लू प्रिट तैयार हो रहा है। आसन्न चुनाव में राजग से जनसुराज पार्टी का मुख्य मुकाबला का दावा के साथ  आज प्रशांत किशोर ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगले 6 महीने बाद जहां भी खड़े होंगे, जन सुराज ही नजर आएगा।
 उन्होने  कहा कि बिहार में जब लोग नहीं माने, तब हमने इस यात्रा की शुरुआत की। हम पिछले 2 वर्षों से चलते आ रहे हैं। मेरे आलोचक भले ही कुछ भी कहें, लेकिन यह सच है कि हम चल रहे हैं। अब लोग यह कह रहे हैं कि बात तो सही है, लेकिन बिहार में सुधार नहीं होगा। अब मेरे समर्थक कह रहे है कि अगर बिहार सुधरेगा, तो वह जन सुराज से ही सुधरेगा।


प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अभी हमारे पास 15 महीने का समय है, इसलिए घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। 2 अक्टूबर को पार्टी का गठन करेंगे, और 6 महीने बाद जहां देखेंगे, वहां जन सुराज ही दिखाई देगा। चाहे आप बैठें, सोएं या खड़े हों, जन सुराज ही दिखेगा, और तीसरा कुछ नहीं। हमने अभी प्रचार शुरू नहीं किया है; हम अभी पैदल चल रहे हैं। हमें अपने काम के लिए दल बनाना होगा। पहले दल बनाने दीजिए, फिर 2 अक्टूबर से देखिएगा कि प्रचार कैसे होता है।

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