नवादा विधि महाविद्यालय मे दो दिवसीय सेमिनार सम्पन्न
बंटी पाण्डेय की रिपोर्ट 
नवादा विधि महाविद्यालय मे दो दिवसीय भारत का संविधान और कानून पर चर्चा विधि विशेषज्ञ एवं विधि अध्यापक के द्वारा समापन किया गया । इस सत्र में भारत का संविधान,देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा, जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे के सिद्धांतों पर आधारित है। 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, यह संविधान भारत के नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। इसमें मौलिक अधिकारों की सूची शामिल है, जो हर नागरिक को उनके मूलभूत अधिकारों की रक्षा करता है।कानून का पालन और व्यवस्था बनाए रखना संविधान का महत्वपूर्ण कार्य है। विधि छात्रों के लिए यह सेमिनार इस बात की गहन समझ विकसित करने का एक सुनहरा अवसर है कि कैसे संविधान और कानून समाज में न्याय सुनिश्चित करते हैं। यह सेमिनार न केवल विधि के छात्रों के लिए ज्ञानवर्धन करेगा, बल्कि उन्हें सामाजिक समस्याओं के समाधान के लिए कानूनी दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रेरित भी करेगा।इस संदर्भ में, अतिथियों का अनुभव और ज्ञान छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत होगा। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि एक जीवंत दस्तावेज है, जो समय के साथ विकसित होता है और समाज की जरूरतों को ध्यान में रखता है। इस सेमिनार के माध्यम से, हम संविधान की प्रासंगिकता और कानून की भूमिका पर चर्चा करेंगे।
सेमिनार आरंभ होने के पूर्व सभी अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर आरंभ किया गया। सभी आए हुए अतिथियों का महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ डीएन मिश्रा  के द्वारा विष्णुचरण अंगवस्त्र 
मे मंटो देकर सवागत किया गया।
  इस सेमिनार को चाणक्य महाविद्यालय पटना के प्रोफेसर डॉ अजय कुमार सिंह, महात्मा गाँधी  विधि महाविद्यालय, वाराणसी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ,पवन कुमार मिश्रा ,पटना लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल बनी भूषण ,पटना लॉ कॉलेज के सलीम जावेद और अलवर लॉ कॉलेज, राजस्थान राकेश कुमार  के द्वारा सेमिनार को संबोधित किया गया आज के सेमिनार में धर्माचार्य संतोष आनंद महाराज  के द्वारा बौद्धिक प्रवचन किया गया। समापन राष्ट्रीय गीत के साथ हुआ।
आज के सेमिनार में महाविद्यालय के सचिव श्रीमती कला देवी, डॉ मनीष पंकज मिश्रा, मीना मिश्रा, शहीद सहित कई  गणमान्य लोग सेमिनार में शामिल हुए। अतिथियों के द्वारा महाविद्यालय के प्रिंसिपल डॉ डीएन मिश्रा  को इस तरह का सेमिनार करने पर बधाई और शुभकामना दी। इस तरह का सेमिनार करने से छात्रों और अध्यापकों मे बेहतर तालमेल  होता है।  विश्वविद्यालय के द्वारा दिशा निर्देश  दिया जाता है। उसे दिशा निर्देश को त्वरित कार्रवाई करते हुए छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए इस तरह का सेमिनार और गोष्ठी करते रहते हैं। इस दो दिवसीय गोष्ठी में नेहा कुमारी, सपना कुमारी, संतोष कुमार, राजू मिश्रा, मिराज आलम, श्याम किशोर मिश्रा, कल्पना कुमारी, महेश मिश्रा, बालमुकुंद पांडेय, कंगन सिंह, सुनील मिश्रा, डॉ अशोक कुमार और वेद व्यास पांडेय सहित अन्य लोगों द्वारा सेमिनार को सफल कार्यक्रम में सहयोग किया गया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रीय गीत के द्वारा किया गया पूरा सभागार में उपस्थित अतिथियों सहित सभी सभागार उपस्थित लोगों के द्वारा मीटिंग हॉल का नाम महाविद्यालय के शिक्षक प्रतिनिधि दिवंगत अनीश पंकज मिश्रा उसके नाम पर किया गया जिसे सभी लोगों ने ध्वनि मत से समर्थन किया ।धन्यवाद महाविद्यालय के अध्यापक प्रशांत प्रकाश के द्वारा किया गया।

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