कबीर साईं मंदिर में साप्ताहिक सत्संग

पटना -कबीरपंथी आश्रम मीठापुर स्थित कबीर साई मंदिर में गुरुवारीय सत्संग, भजन एवं भंडारा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर सत्संग करते हुए महंथ ब्रजेश मुनि ने सद्‌गुरु कबीर साहेब के जीवन दर्शन का सार बताते हुए कहा कि मानुष तेरा गुण बड़ा मासु न आवै काज। हाड़ न होते आमरण त्वचा न बाजन बाज ॥
मनुष्य की विशेषता उसके विचारों और सद्गुणों में है। यदि उसने अपने मानवीय गुणों सद्गुणों का विकास नहीं किया तो वह पशुओं से भी खराब है।
पशुओं के बाल, हड्डी, चमड़ी आदि दूसरों के काम आ जाते हैं। पशु अपने जीवन काल और मरने के बाद भी दूसरों की सेवा में लग जाते हैं
सद्‌गुरु कबीर साहेब की सीख है की मनुष्य को अपने बेकार के
शरीर का अहंकार छोड़कर अपने सद्‌गुणों को विकसित करे। दया, क्षमा, धैर्य, सत्य अहिंसा, करुणा, विवेक, वैराग्य, भक्ति को अपने जीवन में शामिल करें। मनुष्य में केवल उसका गुण सर्वश्रेष्ठ है। मनुष्य की विशेषता उसके विचारों और सद्‌गुणों से है
इस अवसर पर संत विवेक मुनि ने वर्तमान में सद्‌गुरु कबीर के ज्ञान की उपयोगिता बतायी
इस दौरान भक्तिमती रुबी देवी, उषा देवी, चंदनेश्वर, बंटी आदि ने कबीर साईं के भजन गाकर वातावरण को भक्तिमय बनाया

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