वेनेज़ुएला की राजनेता मरिया कोरीना मचादो को साल 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार

 वेनेज़ुएला की राजनेता मरिया कोरीना मचादो को दिया गया है।58 वर्षीय माचादो को "वेनेज़ुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण तरीक़े से तानाशाही के सामने लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने" के लिए दिया गया है.फ़िलहाल वेनेजुएला में छिपकर रह रही हैं।
मरिया कोरीना मचादो वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता हैं। बीते साल राष्ट्रपति चुनावों में उनके खड़े होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसकी दुनियाभर में निंदा हुई थी और कहा गया था कि यह चुनाव निष्पक्ष नहीं है।
बीते साल के चुनाव के पोल्स बता रहे थे कि उनकी जीत तय है लेकिन निकोलस मादूरो ने तीसरी बार चुनाव जीत लिया। हालांकि कई पर्यवेक्षकों ने चुनावी अनियमितताओं को पाया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप थे प्रमुख दावेदार रहे। उन्पाहें निराशा हाथ लगी।
किस्तान, इजरायल, रूस, अजरबैजान, थाईलैंड, आर्मेनिया और कंबोडिया जैसे कई देशों ने अमेरिकी राष्ट्रपति को नामांकित किया था. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए इस वर्ष 338 नामांकन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 94 संगठन और विभिन्न क्षेत्रों के 244 लोग शामिल हैं.ट्रंप से पहले 4 अमेरिकी राष्ट्रपतियों को नोबेल पीस प्राइज मिल चुका है. इनमें बराक ओबामा, जिमी कार्टर, वुडरो विल्सन और थियोडोर रूजवेल्ट शामिल हैं। 10 दावेदारों में डोनिल्ड ट्रंप,एलन मस्क,इमरान खान प्रमुख थे।स्वीडिश साइंटिस्ट अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के आधार पर 27 नवंबर 1895 को नोबेल प्राइज की स्थापना हुई थी। यह 6 कैटेगरीज में मिलता है, जिसमें फिजिक्स, मेडिसिन, केमिस्ट्री, लिटरेचर, इकोनॉमिक्स और शांति शामिल है। यह उन्हें ही मिलता है, जिन्होंने "मानव जाति के लिए सबसे बड़ा फायदा" पहुंचाने का काम किया हो। 1901 में पहली बार नोबेल पुरस्कार दिए गए थे और रविन्द्रनाथ टैगोर नोबेल जीतने वाले पहले भारतीय हैं।

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