भारत-ब्रिटेन के बीच एफटीए पर समझौता

भारत और ब्रिटेन के बीच  एफ़टीए यानी मुक्त व्यापार समझौते पर गुरुवार को मुहर लग ही गई।.भारत और ब्रिटेन के वाणिज्य मंत्री रेनॉल्ड्स जोनाथन  और पीयूष गोयाल ने  एफटीए पर हस्ताक्षर किया।
ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इस समझौते से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में हर साल 4.8 अरब पाउंड (6.5 अरब डॉलर) प्रति वर्ष का योगदान होगा.

हालांकि ब्रिटेन भारत को अपने कुल निर्यात का 1.9 प्रतिशत निर्यात करता है और कुल आयात का 1.8 प्रतिशत आयात करता है.

लेकिन समझौता लागू होने के बाद इसमें बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक निर्यात के 1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और इस मक़सद में ब्रिटेन सबसे उच्च प्राथमिकता वाला व्यापारिक साझेदार है.
कांप्रिहेंसिव इकोनॉमिक एंड ट्रेड एग्रीमेंट (सीईटीए) पर हस्ताक्षर करने के बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री किएर स्टार्मर
ब्रिटिश सरकार का कहना है कि इस समझौते से ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में हर साल 4.8 अरब पाउंड (6.5 अरब डॉलर) प्रति वर्ष का योगदान होगा। ब्रिटेन भारत को अपने कुल निर्यात का 1.9 प्रतिशत निर्यात करता है और कुल आयात का 1.8 प्रतिशत आयात करता है।
लेकिन समझौता लागू होने के बाद इसमें बढ़ोत्तरी की उम्मीद की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक निर्यात के 1 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है और इस मक़सद में ब्रिटेन सबसे उच्च प्राथमिकता वाला व्यापारिक साझेदार है।
व्यापार समझौते पर वार्ता ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के कार्यकाल में 2022 में शुरू हुई थी।
पीएम मोदी ने कहा, "यह समझौता मात्र आर्थिक साझेदारी नहीं है, बल्कि साझा समृद्धि की योजना है। भारतीय टेक्सटाइल, फुटवियर, जेम्स एंड ज्वेलरी, सी फ़ूड और इंजीनियरिंग उत्पादों को ब्रिटेन में बेहतर पहुंच मिलेगी।भारत के कृषि उत्पाद और प्रोसेस्ड फ़ूड इंडस्ट्री के लिए ब्रिटेन के बाज़ार में बेहतर अवसर बनेंगे."

"भारत के किसानों, मछुआरों और एमएसएमई सेक्टर के लिए यह समझौता विशेष रूप से लाभकारी सिद्ध होगा. वहीं दूसरी ओर भारत के लोगों और उद्योग के लिए यूके में बने उत्पाद, जैसे मेडिकल उपकरण और एयरोस्पेस पार्ट्स सुलभ और किफ़ायती दरों पर उपलब्ध हो सकेंगे."

Top