मॉस्को बम धमाका : रूसी जनरल इगोर किरिलोव की मौत , रूस ने पश्चिमी देशों की साजिश बताया
डा.निरंजन कुमार की रिपोर्ट 
रूस की राजधानी मॉस्को एक भीषण बम धमाके से दहल उठा। यहां सेना के हाई रैंकिंग जनरल और उनके असिस्टेंट की इस विस्फोट में मौत हो गई है। देश के लिए हाई रैंक अधिकारी की मौत को एक बड़े नुकसान के तौर पर देखा जा रहा है। जांच कमिटी ने बताया कि न्यूक्लियर , बायोलॉजिकल , केमिकल डिफेंस फोर्स (NBC) के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव मंगलवार को सुबह एक रेसिडेंस ब्लॉक से निकल रहे थे , तभी एक स्कूटर में छिपाए गए बम में विस्फोट हो गया। इससे उनकी मौत हो गई। विस्फोट में बिल्डिंग के दरवाजा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। साथ ही आस-पास की खिड़कियों के शीशे भी टूट गए। इस विस्फोट में दो बॉडी बैग भी रखे हैं। 
     मालूम हो कि अक्टूबर में ब्रिटेन ने किरिलोव पर प्रतिबंध लगाए थे। ब्रिटेन ने प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि उन्होंने यूक्रेन में केमिकल हथियारों के इस्तेमाल की निगरानी की थी और क्रेमलिन के दुष्प्रचार के लिए एक महत्वपूर्ण मुखपत्र के रूप में काम किया है। सोमवार को यूक्रेन की खुफिया एजेंसी SBU ने भी उन पर आरोप लगाया और टेलीग्राम पर कहा कि वह प्रतिबंधित रासायनिक हथियारों के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के लिए जिम्मेदार थे। 
    उधर मास्को पुलिस और जांचकर्ताओं ने इस घटना को सुनियोजित हत्या करार दिया है। विस्फोट मॉस्को के दक्षिण-पूर्वी रिहायशी इलाके में हुआ है। बम एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में लगाया गया था , जिसमें लगभग 200 ग्राम टीएनटी का उपयोग किया गया था। धमाके में जनरल किरिलोव और उनके सहायक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। रूसी जांच समिति ने इस घटना पर हत्या का मामला दर्ज किया है और जांच तेजी से चल रही है। पुलिस कैमरों की फुटेज को जब्त कर संदिग्धों की तलाश में जुटी है। लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव की उम्र 54 साल थी। वह रूस की रेडिएशन , केमिकल और बायोलॉजिकल डिफेंस ट्रूप्स के चीफ थे। उनको एक निडर और साहसी सैन्य अधिकारी के तौर पर जाना जाता था। अमेरिकी और पश्चिमी देशों की कथित जैविक और रसायनिक हथियार परियोजनाओं के खिलाफ कई सबसनीखेज खुलासे किए थे। इसके अलावे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वह एक विवादित किंतु प्रभावशाली शख्सियत थे।

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