सुशील कुमार मोदी की 5 जनवरी को मनेगी जयंती

पटना 22 दिसंबर ।
सुशील कुमार मोदी स्मृति शोध संस्थान के अध्यक्ष संजय गुप्ता, संस्थान के संरक्षक डा. सहजानन्द (राष्ट्रीय अध्यक्ष IMA), प्रख्यात चिकित्सक डा. एच. एन. दीवाकर, अवकाश प्राप्त आई. ए. एस. अधिकारी श्री उदय सिहं, आयोजन समिति के पदाधिकारी श्री दीपक कुमार अग्रवाल, श्री मुकेश हिसारिया का संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में दिया गया वक्तव्य ।

सुशील कुमार मोदी स्मृति शोध संस्थान के तत्वाधान में आगामी दिनांक 5 जनवरी 2025 को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व पूर्व राज्यसभा सांसद  सुशील कुमार मोदी जी की जयंती समारोह का आयोजन पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में किया जा रहा है। सुशील जी की पुण्य स्मृति में आयोजित जयंती समारोह के साथ ही सात दिनों तक चलने वाले सेवा सप्ताह कार्यक्रम का भी शुभारंभ हो जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में 6 जनवरी से 12 जनवरी स्वामी विवेकानंद जी के जयंती तक रक्तदान शिविर, स्कूली बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण, वृक्षारोपण, अस्पतालों में स्वछता व फल वितरण, चिकित्सा जाँच एवं आयुष्मान कार्ड शिविर, निःसहाय लोगों के बीच वस्त्र भोजन वितरण, आदि सेवा कार्य होंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिलीप जायसवाल जी के मार्गदर्शन में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में आयोजन समिति, सभी दलों के नेताओं, सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों के अतिविशिष्ट जनों, बुद्धिजीवियों और समाज के विभिन्न वर्ग के गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित करेगी ।

उक्त जानकारी देते हुए संस्थान के अध्यक्ष श्री संजय गुप्ता ने कहा कि बिहार के पुनर्निर्माण के नायक एवं राजनीति के शिखर पुरुष सुशील जी सार्वजनिक जीवन में सादगी, सदाचार, शुचिता व कर्तव्यनिष्ठा के प्रतीक पुरुष थे जिनका संपूर्ण जीवन राष्ट्र एवं समाज की सेवा में समर्पित रहा। अनुभवी राजनीतिज्ञ, संगठनकर्ता एवं कुशल प्रशासक से आगे बढ़कर सुशील जी बिहार के पुनर्निमाण के प्रणेता थे, जिन्होंने मरणासन्न स्थिति में पहुंच चुके बिहार की अर्थव्यवस्था में नवप्राण फूंकने का काम किया और आजीवन बिहार की प्रगति एवं विकास के लिए संघर्षरत रहे। विशेषरूप से बिहार के उपमुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल प्रदेश के विकास के लिए एक स्वर्णिम काल रहा जिसने पुनः एक बार बिहारी अस्मिता को जागृत करने का काम किया।
                     समसामयिक सामाजिक एवं राजनीतिक घटनाक्रमों पर सूक्ष्म दृष्टि रखने वाले सुशील जी ने सांगठनिक व्यस्तताओं के बावजूद स्वयं को पार्टी के प्रमुख बौद्धिक स्तंभ के रूप में स्थापित किया और सदन एवं सदन के बाहर लगातार राष्ट्रवादी विचारधारा की प्रखर आवाज़ बने रहे।

संस्थान के संरक्षक डा. सहजानन्द एवं डा. एच.एन. दीवाकर ने कहा कि राजनीति आज के समय में व्यवसाय हो गया है। सुशील मोदी राजनीतिक सक्रियता के बावजूद भी निरंतर निस्वार्थ भाव से समाज सेवा में लगे रहे और सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में काम करते रहे। सामान्य तौर पर सुशील जी की पहचान मुख्य रूप से एक राजनीतिक कार्यकर्ता की रही परन्तु अधिकांश लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि सुशील जी सामाजिक कार्यों में भी अत्यधिक सक्रिय थे। देह दान, अंग दान एवं नेत्रदान जैसे मानवीय महत्व के विषयों के प्रति आमलोगों में जागरूकता पैदा करना एवं उन्हें इसके लिए प्रोत्साहित करने में उनकी अग्रणी भूमिका रही। इसके अतिरिक्त ब्लड बैंक की स्थापना एवं कोरोना की भीषण महामारी के समय कोरोना पीड़ितों एवं उनके परिवारों की सहायता करने जैसे अनेक सामाजिक कार्यों में उनका अविस्मरणीय योगदान रहा।

संवाददाता सम्मेलन में सेवा सप्ताह कार्यक्रम के बारे में बताते हुए संस्थान के श्री दीपक अग्रवाल, श्री मुकेश हिसारिया, श्री संजीव यादव, श्री नीरज पटेल एवं श्री प्रहलाद कुशवाहा ने बताया कि सुशील जी का संपूर्ण जीवन समाज के प्रति समर्पित था। सेवा सप्ताह के अंतर्गत पटना में 6 जनवरी को नेत्रहीन विद्यालय में भोजन एवं वस्त्र वितरण, धनकी प्राथमिक विद्यालय में पाठ्य समाग्री वितरण, 7 जनवरी को संकल्प समारोह, 8 जनवरी को चिकित्सा जांच शिविर एवं आयुष्मान कार्ड, मलाही पकड़ी, 9 जनवरी माँ ब्लड बैंक में रक्तदान शिविर, 10 जनवरी को वृक्षारोपण, अस्पताल में स्वच्छता एवं फल वितरण एवं क्रिकेट मैच, 11 जनवरी को रेड क्रॉस सोसायटी पटना सिटी द्वारा रक्त दान शिविर एवं संगोष्ठी जैसे अनेक सामाजिक कार्यक्रम किये जाएंगे।

युवाओ के प्रेरणाश्रोत पुण्य लोक सुशील मोदी के सेवा सप्ताह का समापन 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती युवा दिवस के अवसर पर पदमश्री विमल जैन के मार्गदर्शन में दिव्यांगों के बीच शल्य चिकित्सा शिविर एवं कृत्रिम अंग उपकरण वितरण के साथ साथ 1000 गरीबो के बीच कर किया जाएगा।

Top