बिहार में दूसरे चरण के चुनाव में भी वोटर्स उदासीन,सीटिंग सासंदों के लिए खतरे की घंटी

पटना,26 अप्रैल।  बिहार में दूसरे चरण में भी लोकसभा की  पांच सीटों पर मतदान में पिलले चुनाव की तुलना में मतदाओं में उदासीनता दिखी।  पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, बांका और भागलपुर की सीट के लिए आज मतदान हुआ है। पहले चरण में जिस तरह से वोटों का परसेंट गिरा, लगभग वही स्थिति दूसरे चरण के मतदान के दौरान भी नजर आई। दूसरे चरण का चुनाव खत्म होने तक बिहार में 55.58% वोटिंग हुई है।  2019 की तुलना में इस बार 4%  कम है। जिसमें सबसे ज्यादा कटिहार में वोटिंग हुई है। हालांकि पिछली बार के आंक़ड़ों को पार नहीं कर सका । 
 भागलपुर के मतदाता चुनाव से दूर नजर आए, यहां पिछली बार की तुलना में 6 % कम वोटिंग हुई है। इसका कारम जुम्मा के दिन वोटिंग, कडाके की धूप व लू की चपेट और शादी-विवाह का दिन माना रहा है।
राजनीतिक दलों के लिए भी मतदाताओं की उदासीनता विशेषकर सीटिंग सासंदों लिए चिंता की बात है
दूसरे चरण के चुनाव में जदयू सभी पां सीटें,कांग्रेस तीन सीटे और राजद दो सीटों का दावेदार है।पिछले चुनाव में जदयू को चार और  कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी।पूर्णिया और किशनगंज में तिकोनी और कटिहार, भागलपुर व बांका में सीधी लडाई रही है।
भागलपुर में 2019 में 57.16 % वोटिंग हुई थी। वहीं इस बार 51% के करीब वोटिंग हुई है।  किशनगंज में 2019 में 66.38%  वोटिंग हुई थी।  इस बार आंकड़ा 64 %  रहा है।

बिहार में  सबसे हॉट सीट बन चुकी पूर्णिया लोकसभा सीट के लिए भी वोटिंग खत्म होने तक मात्र 59 % के करीब वोटिंग हुई है। 2019 में यहां 65.37 % वोटिंग हुई थी। कटिहार में 2019 में रिकॉर्ड 67.6% वोटिंग हुई थी।  इस बार आंकड़ा 64.6 % रहा है। यहां तीन फीसदी कम वोटिंग हुई है।  बांका की स्थिति भी पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में खराब रही है। यहां 2019 में 58.6 % वोटिंग हुई थी। जबकि इस बार सिर्फ 54 % के करीब वोटिंग हुई है। 


बिहार में 40 सीटों लिए सभी सात चरणों में मतदान के बाद 4 जून को एक साथ रिजल्ट आयेगा।
दूसरे चरण के चुनाव के ही दिन पीएम नरेन्द्र मोदी ने फारविसगंज (अररिया) और मुंगेर में चुनावी सभा की ।कांग्रेस और राजद पर जमकर निशाना साधा।कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और धर्म के आधार पर कांग्रेस नीत कर्नाटक में मुसलमानों को आरक्षण देने तथा इसमें राजद का समर्थन की बात कह दोनों दलों की आलोचना की।

 

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