जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार बसपा में शामिल

पटना,23 अप्रैल : लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हाल ही में इस्तीफा दे चुके जहानाद के पूर्व सासंद डॉ.अरुण कुमार आज  बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गये. इसके साथ ही उन्होंने जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ने का भी एलान कर दिया है. जहानाबाद में सातवें व अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है। डां अरुण कुमार के चुनावी जंग में आने पर जहानाबाद में वर्तमान जदयू सासंद चंद्रवंशी बीच राजद के पूर्व सांसद सुरेंद्र यादव के बीच तिकोनी लडाई होगी।ऐसे में जदयू की जीत की उम्मीद पर सवालिया निशान लगना लाजिमी हो गया है।
डा.अरुण कुमार का राजनीति के साथ सामाजिक जीवन और जन सरोकार कामों में सक्रियता एवं उनकी सांगठनिक क्षमता की विरोधी भी कायल हैं। डां कुमार ने कहा कि चुनावी जंग में कूदने के संबंध में 28 अप्रैल को समर्थकों और शुभचिंतकों की बुलायी गयी बैठक में व्यापक रणनीति बनायी जाएगी. बैठक अपन पटना आवास पर बुलायी गयी है .
जहानाबाद से सांसद रह चुके डा.अरुण कुमार ने बताया कि क्षेत्र की जनता के भरोसे और जनाकांक्षा के बाद उन्होंने चुनाव लडने का  निर्णय लिया गया है. लोजपा छोड़ने के बाद से ही समर्थकों और राजनीतिक साथियों से संवाद का दौर लगातार जारी है. इस संदर्भ में समान विचार वाले राजनीतिक दलों से भी विमर्श किया गया. वैसे राजनीतिक दल जोे बहुजन समाज व शोषितों-वंचितों के हितों के साथ ही सवर्णों के सम्मान की गारंटी दे सके, उनसे सकारात्मक वार्ता हुई. लंबे विमर्श के बाद बहुजन समाज पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया गया. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार और चिराग पासवान पर जमकर भडास निकाली और कहा कि राजनीतिक तौर पर उन्हे खत्म करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। 
डा कुमार ने बडे जोर देकर कहा कि वह औरों की तरह नीति और सिद्धांत की तिलांजलि देकर किसी से साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। यह मेरे स्वभाव है कि जिस किसी के साथ होते,दिल से साथ होते हैं। राजनीति को व्यापार और पार्टी की दुकान चलाने वाले का न तो लंबा भविष्य नहीं होता है। दुर्गति तय होती है।
पिछले दिनों ही उन्होंने  चिराग पासवान को धोखेबाज करार दिया हैउन्होंने कहा कि नई पार्टी में बिहार में संघर्षरत रही है लेकिन यूपी में बहन मायावती की सरकार रही है।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार में खेत-खलिहान, गरीब, दलित, शोषित और वंचित समाज का नेत्त्व हमलोगों ने देखा कि चिराग पासवान की लीडरशिप में हो सकता है लेकिन शुरुआत ही ख़राब हो गयी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि टिकट वितरण में चिराग पासवान ने भारी गलती की है। मुझे इमोशनल ब्लैकमेल किया गया और मैं धोखे में आ गया। मुझे पितातुल्य समेत क्या-क्या नहीं कहा गया। इन कारणों से मैं इमोशनल रूप से जुड़ गया लेकिन उनके नेतृत्व में ये संभव नहीं है।. वे महराजगंज से कांग्रेस प्रत्याशी बनने भी कोशिश में रहे । परंतु पार्टी में विरोध के बावजूद प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह अपने बेटे आकाश को टिकट दिलानै में सफल रहे। अंतत: डा.अरुण कुमार ने भूमिहार बहुल अपने गृह क्षेत्र जहानाबाद से ही बसपा के हाथी की सवारी कर चुनावी वैतरणी पार लगने की ठानी है।फिलहाल उनके चुनाव लड़ने के आसार से जदयू का खेल बिगडना तय हो गया है। 

 

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