झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान,  दो चरणों में 13 व 20 नवम्बर को होंगे मतदान
नई दिल्ली ,15 अक्टूबर। चुनाव आयोग ने आज 81 सदस्यीय झारखण्ड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी। दो चरणों में 13 व 20 नवम्बर को चुनाव होंगे। 
23 नवंबर को नतीजे का ऐलान होगा।
झारखंड में पहले चरण की अधिसूचना 18 अक्तूबर को जारी होगी। जबकि नामांकन 25 अक्तूबर से शुरू होंगे। वहीं नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्तूबर को होगी। नाम वापसी 30 अक्तूबर को होगी। जबकि मतदान 13 नवंबर को होगा।
दूसरे चरण के चुनाव की अधिसूचना 22 अक्तूबर को जारी होगी। नामांकन 29 अक्तूबर से होंगे। नामांकन पत्रों की जांच 30 अक्तूबर को होगी। जबकि नाम वापसी एक नवंबर को होगी। दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा। नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। 
झारखंड में कुल 81 विधानसभा सीटों में से सामान्य सीटें 44, एसटी सीटें 28 और एससी नौ हैं। झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को खत्म हो रहा है। पिछली बार झारखंड में पांच चरण में मतदान हुआ था। इस बार इसे दो चरण में कराया जाएगा।
झारखंड में पहले चरण में इन सीटों पर होगा मतदान
झारखंड में पहले चरण में 13 नवंबर को 43 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें कोडरमा, बरकठा, बरही, बरकागांव, हजारीबाग, सिमरिया (एससी), चतरा (एससी), बहरागोड़ा, घाटसिला (एसटी), पोटका (एसटी), जुगसलाई (एससी),जमशेदपुर पूर्व, जमशेदपुर पश्चिम, ईचागढ़, सरायकेला (एसटी), चाईबासा (एसटी), मझगांव (एसटी), जगन्नाथपुर (एसटी), मनोहरपुर (एसटी), चक्रधरपुर (एसटी), खरसावां (एसटी), तमाड़ (एसटी), तोपरा (एसटी), खुंती (एसटी), रांची, हटिया, कांके (एससी), मान्डर (एसटी), सिसई (एसटी), गुमला (एसटी), बिष्नुपुर (एसटी), सिमडेगा (एसटी), कोलिबेरा (एसटी), लोहरदगा (एसटी), मानिका (एसटी), लातेहर (एससी), पांकी, डाल्टनगंज, बिश्रामपुर, छत्तरपुर (एससी), हुसैनाबाद, गढ़वा, भगवंतपुर शामिल हैं। 

दूसरे चरण में इन सीटों पर होगा मतदान
झारखंड में दूसरे चरण में 20 नवंबर को 38 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें राजमहल, बोरिओ (एसटी), बरहैट (एसटी), लिटीपारा (एसटी), पाकुड़, महेशपुर (एसटी), सिकारीपारा (एसटी), नाला, जामतारा, दुमका (एसटी), जमा (एसटी), जरमुंडी, मधुपुर, सारथ, देओघर (एससी), पौड़ैयाहाट, गोड्डा, महागामा, रामगढ़, मांडू, धनवार, बगोडर, जमुआ (एससी), गाण्डे, गिरहीड, डुमरी, गोमिया, बेरमो, बोकारो, चंदनकियारी (एससी), सिंदरी, निरसा, धनबाद, झारिया, तुंडी, बाघमारा, सिल्ली, खिजरी (एसटी) शामिल हैं। 
झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा का कार्यकाल पांच जनवरी, 2025 को खत्म होगा.
साल 2019 में यानी पिछले विधानसभा चुनाव एक चरण में ही करवाए गए थे. 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी और 24 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किया गया था. वहीं, झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 पांच फेज में करवाया गया था. पहले फेज की 30 नवंबर, दूसरे फेज की 7 दिसंबर, तीसरे फेज की 12 दिसंबर, चौथे फेज की 16 दिसंबर और पांचवें फेज की 20 दिसंबर को वोटिंग हुई थी. आयोग ने 23 दिसंबर को रिजल्ट जारी किया था.
[झारखंड में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. इंडिया गठबंधन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ चुनाव लड़ेगा. एनडीए में भाजपा के अलावा ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और जनता दल (यूनाइटेड) शामिल हैं.:
इस बार एनडीएी में भाजपा के साथ तीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) दो विधानसभा सीट पर  वहीं लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के साथ एक सीट 
के लिए लड़ेगी। एनडीए गठबंधन के तहत आजसू पार्टी के साथ 10 सीटों पर सहमति बनी है.
झारखंड एक आदिवासी बहुल राज्य है. 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां पर आदिवासी करीब 26 प्रतिशत हैं. राज्य के 5 में से 4 प्रमंडल में आदिवासियों का ही दबदबा है. झारखंड में विधानसभा की 81 में से 28 सीट आदिवासियों के लिए रिजर्व है. इसी तरह लोकसभा की 14 में से 5 सीट भी आदिवासी के लिए रिजर्व है.
कुल मिलाकर कहा जाए तो झारखंड की सत्ता की चाबी आदिवासियों के पास ही है. यहां 2005 से लेकर अब तक के हर चुनाव में आदिवासी ही मुद्दा रहा है. झारखंड में अब तक बाबू लाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, शिबू सोरेन, मधु कोड़ा, हेमंत सोरेन, चंपई सोरेन और रघुबर दास मुख्यमंत्री बने हैं.
रघुबर दास को छोड़कर बाकी के सभी 6 मुख्यमंत्री आदिवासी समुदाय से ही ताल्लुक रखते हैं. दिलचस्प बात है कि इनमें से चार पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा, बाबू लाल मरांडी, चंपई सोरेन और मधु कोड़ा अभी बीजेपी में हैं.
इस बार के चुनाव में प्रथम सीएम बाबू लाल मरांडी के चेहरा पर एनडीए चुनावी दंगल में कूदने की तैयारी है।पिछली बार गैर आदिवासी रघुबर दास के चेहरा पर चुनाव लडना पार्टी को मंहगा पड़ गया।
। सीएम रहते रघुबर दास भाजपा से बागी बन निर्दलीय लडे सरयू राय सेहार गये थे। एस बार सरयू राय जदयू में शामिल होकर भाजपा के सहयोगी बन चुनाव लडेगे।सीएम रहते शिबू सोरेन को पराजित करने वाले राजा पीटर भी जदयू के साथ हो गये हैं।वह भी चुनावी दंगल में होगे।
मौजूदा सीएम हेमंत सोरेन के लिए इस बार का चुनावी दंगल आसान नही होगा। वह तीसरी बार सीएम बने हैं।
सीएम के दो आदिवासी चेहरा के बीच मुख्य मुकाबला होगा।झारखंड में मौजूदा समय में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद गठबंधन की सरकार है। 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को 30, भाजपा को 25 और कांग्रेस को 16 सीटें मिली थीं। इसके अलावा जेवीएम को तीन, एजेएसयूपी को दो और अन्य को पांच सीटें मिली थीं। मौजूदा समय में झारखंड में हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री हैं।



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