18 लोकसभा चुनाव में आधी आबादी के साथ छल! 10% से भी कम महिला उम्मीदवार,19वीं लोकसभा में 33% सदस्य की गारंटी
अरुण कुमार पाण्डेय 

  •  लोकसभा चुनाव में आधी आबादी के साथ छल! 10% से भी कम महिला उम्मीदवार,19वीं लोकसभा में 33% सदस्य की गारंटीआधी आबादी का वोट चाहिए,हिस्सेदारी देने में पुरषों का वर्चस्व 
  • इस बार के चुनाव के बाद नयी सरकार महिलाओं को लोकसभा और विधानसभाओ में महिलाओ का 33% आरक्षण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए परिसीमन आयोग का गठन करेगी। इसकके पहले 2021 की जनगणना पूरी होगी। जातीय गणगणना  कराये जाने से भी इंकार नहीं कराया जा सकता है।
  • एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार लोकसभा चुनाव 2024 में कुल 8360 उम्मीदवार मैदान में हैं। 8337 में से 2572 उम्मीदवार करोड़पति हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में करीब 10% महिला उम्मीदवार ही हैं।
  • इस चुनाव में 10% से भी कम उम्मीदवार महिलाएं
  • एडीआर द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 8,337 उम्मीदवारों में से केवल 797 महिलाएं हैं। यह आंकड़ा सभी सात चरणों में चुनाव लड़ने वाले कुल उम्मीदवारों का महज 9.56% है।महिला आरक्षण बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब यह विधेयक कानून बन गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद भारत सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक के लिए एक गजट अधिसूचना जारी की है.
  • नई दिल्ली,29 सितम्बर: संसद द्वारा पिछले सप्ताह संविधान में 128वां संशोधन से संबंधित पारित महिला आरक्षण विधेयक पर आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मंजूरी मिलने के बाद कानून बन गया. 
  • नारी शक्ति वंदन अधिनियम, 2023 जो लोकसभा के साथ-साथ राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है, उसको राज्यसभा द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया, जो नए संसद भवन में पारित होने वाला पहला विधेयक बन गया.20 सितंबर को, विधेयक को मतविभाजन के बाद पारित कर दिया गया, जिसमें 454 सदस्यों ने कानून के पक्ष में और दो ने इसके विरोध में मतदान किया. विपक्षी सदस्यों द्वारा पेश किए गए संशोधनों को अस्वीकार कर दिया गया और मसौदा कानून के अलग-अलग खंडों पर भी मतदान हुआ. 
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार पीएम नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन का प्रतीक 21 सितंबर को नारी शक्ति वंदन अधिनियम,2023 को राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया था, 
  • 2014 में हुए चुनावों में भारत की संसद के निचले सदन लोकसभा के लिये चुने गए 545 सदस्यों में 65 महिलाएँ चुनकर आईं, जो कुल संख्या का 12% है। यह लोकसभा का 16वाँ चुनाव था।
  • आज़ादी के बाद केवल 15वीं और 16वीं लोकसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में बढ़ोतरी देखने को मिली, जो इससे पहले 9% से कम रहती थी।
  • 73वें संविधान संशोधन के द्वारा महिलाओं को त्रिस्तरीय ग्रामीण पंचायतों और शहरी निकायों में 1993 से 33% आरक्षण मिलता है।
  • 16वीं लोकसभा में 61 महिला उम्मीदवार जीत कर पहुँची है।
  • 17 वीं लोकसभा में 78 महिला सांसद
716 महिला उम्मीदवारों ने आम चुनाव लड़ा। जिनमें से 78 महिला सांसद 17 वीं लोकसभा के लिए चुनी गई हैं। 2014 में 62 महिला सांसद चुनी गईं. लोकसभा में महिला सांसदों का प्रतिनिधित्व धीरे-धीरे पहली लोकसभा में 5% से बढ़कर 17 वीं लोकसभा में 14% हो गया है।
पहले चरण के चुनाव के दौरान 1,618 उम्मीदवारों में से केवल 135 महिलाएं थीं। चरण 2 में 1,192 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जिनमें से एडीआर ने 1,198 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया और इसमें 100 से अधिक महिलाएं थीं। तीसरे चुनाव में कुल 1,352 उम्मीदवार थे, जिनमें 123 महिलाएं थीं।
चरण 4 में 1,717 उम्मीदवारों में से 1,710 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया और 170 महिलाएं थीं। चरण 5 में सबसे कम 695 उम्मीदवार थे, जिनमें 82 महिलाएं थीं। चरण 6 में 869 उम्मीदवारों में से 866 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया और 92 महिलाएं थीं। वहीं चरण 7 में 904 उम्मीदवार हैं जिनमें केवल 95 महिलाएं हैं।




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