इण्डिया v/s भारत की बहस में उलझा देश
अरुण कुमार पाण्डेय 
फिलहाल देश इण्डिया बनाम भारत में उलझा है।देश का एक नाम हो ? देश की ब्रांडिंग इण्डिया से होती रहे या भारत से करने की नयी शुरुआत हो? अंगेजों ने देश का नाम इण्डिया दिया था।आजादी के बाद अपना संविधान लागू करने के साथ इण्डिया दैट इज भारत राज्यों का संघ का संविधान के अनुच्छेद 1 में उल्लेख कर इण्डिया कहें या भारत ,एक दश का दो नाम स्वीकार किया है।
अब इस पर बहस छिडी है।इसका मुख्य कारण हाल में बना भाजपा विरोधी दलों का I.N.D.I.A. इण्डिया भी है।क्या देश के नाम पर किसी भी राजनीतिक दलों के समूह का नाम रखा जाना चाहिए? इसको लेकर भी बहस छीडी होने के बीच नरेन्द्र मोदी की सरकार द्रारा भारत नाम की ब्रांडिंग शुरु किये जाने से राजनीतिक बखेरा हो गया है।
विपक्ष इसे देश का नाम बदलने की पहल के रूप में देख विरोध कर रहा है वहीं सत्तापक्ष की ओर से गुलामी की पहचान से निजात पाने की हरसंभव कोशिश की वकालत की जा रही है। 
वास्तविक रूप से दाश का नाम तो नहीं बदला रहा।दो नाम वाले देश के एक नाम भारत की ब्रांडिंग शुरु हुई है।आजादी बाद आज तक देश के बाहर इण्डिया की ब्रांडिंग होती रही है। इण्डिया शब्द को हटाना आसान भी नहीं है। सरकारी काकाज और संस्था संगठनों के नामों से इण्डिया श्द हटाने पर अभी 14 हजार करोड रुपए खर्च का अनुमान किया जा रहा है। हालांकि सरकार की ओर से नाम बदलने की विपक्ष की आशंका और आरोप को खारिज किया गया है। विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत श्द की ब्रांडिंग पर कहा भी है कि इसका अर्थ  है।समझ  है।
संविधान से इण्डिया शब्द हटाने के लिए संसद को दोनों सदनो में दो-तिहाई बहुमत के समर्थन की दरकार होगी।18 सितंबर से होनेवाले संसद के विशेष सत्र में क्या देश का एक ही नाम रखने को लेकर संविधान संशोधन विधेयक आयेगा? अभी यह तय नही है पर चर्चा और विपक्ष का विरोध का स्वर गूंजना अवश्यंभावी है।
फिलहाल राज्यसभा में सत्तापक्ष को बहुमत नही है। परंतु देश का एक ही नाम भारत रखने का क्या विपक्ष विरोध करेगा?  देश का दो  नाम रखने को लेकर संविधान सभा में मतैक्य नहीं था।इसी कारण दोनो नाम के साथ एक ही अर्थ के रूप में दोनो नाम स्वीकार किया गया था।इसके बाद भी दो नामों लेकर चरचा नहीं थमी।लोकसभा में निजी विधेयक लाकर भारत नारखने की वकालत हुई थी।यूपी के सीएम रहते मुलायम सिंह यादव ने विधानसभा से विशेष प्सताव पारित कराकर भारत नाम से देश का नाम रखने की केंद्र को सिफारिश भेजी थी ।


इधर  जमुई सै निरंजन
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मन की उपज।
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ISRO बनेगा BSRO , इंडिया गेट हो जाएगा भारत द्वार? देश के नाम से INDIA हटा तो......

आज इंडिया का नाम भारत करने को लेकर हर तरफ चर्चा है। आजादी के 76 साल बाद देशभर में इडिया पर चर्चा हो रही है। कुछ दिनों पहले विपक्ष के I.N.D.I.A. संगठन नाम से एकजुट होने पर सत्ता पक्ष ने कहा था कि वैसे तो ईस्ट इंडिया कंपनी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम के साथ भी इंडिया जुड़ा है। नाम को लेकर छिड़ी बहस कहां तक जाएगी , संव‍िधान में इंडिया का नाम बदलकर भारत होगा या नहीं , इस पर संसद में बिल लाकर क्या तय होगा , यह सब तो चर्चा में है ही , इससे ज्यादा लोग यह सोच रहे हैं कि अगर इंडिया का नाम भारत हो गया तो कितना कुछ बदल जाएगा। क्या हर वह नाम बदल जाएगा जिसमें इंडिया शब्द जुड़ा है।
   वैसे इस बहस के बीच विदेशी खिलाड़ी खुश भी हो सकते हैं और दुखी भी , जिन्होंने अपनी बेटी का नाम वाकई में देश के नाम पर इंडिया रखा था। इनमें न्यूजीलैंड के बिजनेसमैन और पूर्व तेज गेंदबाज डायोन नैश भी हैं जिन्होंने अपनी बेटी का नाम इंडिया लिली नैश रखा था। हो सकता है उन्हें इस बात का दुख भी हो कि जिस नाम से बिट‍िया का नाम रखा अब वो नाम भी असंवैधानिक करार दे दिया गया। खैर यह अलग बहस का मुद्दा है।
    मैं तो भारत के तमाम श‍िक्षण और शोध संस्थानों के नामों को लेकर सोच रहा हूं। जब इंडिया शब्द इनसे हटेगा तो इनके नाम कैसे होंगे। यही नहीं भारत की पहचान और गौरव बन चुके इंडिया गेट या गेट वे ऑफ इंडिया का नाम क्या होगा। क्या इंडिया गेट को भारत द्वार कहा जाएगा। हाल ही में हमने चंद्रयान-3 , आदित्य एल1 भेजकर इसरो के नाम को चमकते देखा। अब क्या इसका नाम ISRO यानी इसरो से बदलकर BSRO (बिसरो) हो जाएगा। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर अच्छी - खासी बहस शुरू हो गई है। ऐसे कई नाम हैं जिन्हें सिर्फ इंडिया के नाम से ही जाना , बोला और समझा जाता है। अगर वाकई में इंडिया शब्द हटा दिया जाता है , तो उनका क्या होगा। मसलन IIT और IIM को ही ले लीजिए। बच्चे आईआईटी की तैयारी करते हैं , आईआईटी में दाखिला पाते हैं , मां - बाप भी अपने बच्चों को आईआईटी में पढ़ाकर खुश हैं। हां , कुछ लोग अब कहेंगे कि आईआईटी को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कहा तो जाता है लेकिन मुझे याद नहीं कि किसी ने पूरा नाम लेकर कहा हो कि उनका बच्चा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में पढ़ता है। अमूमन आईआईटी और आईआईएम ही बोला जाता है। इनका असल नाम ही इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी या मैनेजमेंट है , यह तो इसका अनुवाद भर है। क्या अब इनका नाम भारत इंस्टीट्यूट ऑफ....... होगा।
     भारत सरकार के उन स्कीम , स्लोगंस या प्रोजेक्ट का सोचा है कभी जो इंडिया नाम से लोगों की जुबान पर चढ़ गए हैं। मसलन पढ़ेगा इंडिया तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया , मेक इन इंडिया , स्टैंड अप इंडिया , स्टार्ट अप इंड‍िया , डिजिटल इंडिया , खेलो इंडिया , स्क‍िल इंडिया....... इतना सब बदल रहा होगा तो ऑल इंडिया रेडियो क्या पूरे भारत का रेडियो कहलाने लगेगा। IPS , IAS पदाधिकारी क्या कहलाएंगे। इंडियन नेशनल कांग्रेस (INC) की तो बात ही छोड़ दीजिए।
मुझे इन सबके साथ ही चिंता अलीशा चिनॉय के गाने मेड इन इंडिया की भी है। यह गाना मेरा फेवरेट है। आजादी की वर्षगांठ पर परदेस फिल्म का गाना आई लव माई इंडिया भी बहुत सुनता हूं। यह तो बस बानगी भर है , तमाम फिल्मों और गानों में इंडिया शब्द है। क्लासिक फिल्म मदर इंडिया हो या सनी देओल की इंडियन , सभी में इंडिया उसकी पहचान है। यह तो अच्छा है कि इन सबको ऐसे ही छोड़ दिया जाएगा। क्योंकि अतीत में जाकर नाम नहीं बदलते हैं , जैसे बॉम्बे का नाम मुंबई हुआ तो सलाम बॉम्बे या बंबई से आया मेरा दोस्त नहीं बदला।
    बार - बार इंडिया और भारत के नाम पर मुद्दा उठता रहा है। 2020 में भी सुप्रीम कोर्ट में संविधान से इंडिया शब्द हटाने को लेकर याचिका दायर की गई थी। तब कोर्ट ने यह कहकर याचिका खारिज कर दी थी कि संविधान में भारत ही है। अब कयास भी लगाए जा रहे हैं कि मोदी सरकार 18 से 22 सितंबर के दौरान आयोजित होने वाले संसद के विशेष सत्र में भारतीय संविधान से इंडिया शब्द हटाने से जुड़े बिल को पेश कर सकती है। आरएसएस प्रमुख देश के लोगों से अपील कर चुके हैं कि वे इंडिया के बजाय भारत शब्द का इस्तेमाल करें। उधर जी-20 देशों के सम्मेलन में 09 सितंबर को भारत मंडपम में रात के खाने पर भेजे गए इनविटेशन कार्ड पर प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा है।

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