बिहार मे विद्यालय के समीप अध्यापकों को आवासीय सुविधा सुलभ कराने वाला पहला राज्य बनेगा बिहार
अरुण कुमार पाण्डेय
 पटना,29 अक्टूबर। बिहार में 5 लाख से अधिक शिक्षकों के लिए 80 हजार से अधिक विद्यालयों के समीप आवास सुलभ करायेगी सरकार । शिक्षकों के बदले ₹ 25 अरब किराया देने वाला पहला राज्य बनेगा बिहार
राज्य सरकार ने बाहर के राज्यों के भी 28 हजार से अधिक प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के साथ सभी शिक्षकों के लिए विद्यालय के समीप ही आवास सुलभ कराने की सोची है।इसी के लेकर अखबारों में विग्यान छपा है। पंचायत स्तर तक सरकार किराये या लीज पर मकान लेगी और आवास सुलभ करा शिक्षकों के बदले सरकार सीधे मकान मालिक को किराया देगी।
सरकार कह रही है कि शिक्षकों वेतन पर सलाना 33 हजार करोड रुपए खर्च हो रहे हैं।8% णकान किराया भत्ता पर भी 2500 करोड रुपए खर्च हो रहे हैं। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आवास सुलभ नहीं रहने से शिक्षक शहरों में रहकर स्कूल जा रहे हें आने-जाने में खर्च के साथ शिक्षकों की परेशानी देख विद्यालय के समीप आवास सुलभ कराने की मंशा के तहत पहली बार सरकार ने पहल की है।8 नवंबर को इसको लेकर बैठक होगी। बिल्डरों को भी बुलाने की तैयारी है।
स्वाभाविक है कि सरकार की इस पहल से रीयल स्टेट का कारोबार बढेगा। बहुमंजिला मकान बनाने की होड मचेगी।

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने नई शिक्षा नीति के अनुसरण मे यह पहल की है।शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षकों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए राज्यव्य्पी सघन निरीक्षण का सकारात्मक परिणाम मिला है।छात्रो की 75% उपस्थिति अनिवार्य करने के साथ इसी आधार पर मैट्रिक और परीक्षा का फार्म भरने की छूट दी गयी है।15 दिनों से अनुपस्थित 21लाख से अधिक छात्रों का नामांकन समाप्त कर किया गया है।शिक्षकों के लिए अध्यापन की डायरी संधारण करने की व्यवस्था अनिवार्य की जानेवाली है।अब विद्यालय के समीप शिक्षकों के लिए आवास की सिविधा शिक्षा में सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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