Sign In
Contact
Patna, 27
o
C
Toggle navigation
देश
बिहार
झारखंड
राजनीति
अपराध
खेल
करियर
कारोबार
पंचांग-राशिफल
लाइफ स्टाइल
विदेश
ओपिनियन
विशेष
Home
Single Post
सरकार बताई बिहार में किस जाति की कितनी आबादी ,अब इसके आगे क्या ?
अरुण कुमार पाण्डेय
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 154 वीं जयंती पर बिहार में किस जाति की कितनी आनादी की रिपोर्ट सार्व।जनिक हो गयी है। इससे किसे फायदा होगा? क्या जाति की सियासत तेज होगी? इस रिपोर्ट के आधार पर हक,हिस्सा और भागीदारी की आवाज बुलंद होगी? आबादी के आधार पर राज्य सरकार की नौकरियों मे॔ आरक्षण देने की मांग फिर तेज होगी? बिहार की तरह पूरे देश में जातीय गणना कराने का केन्द्र पर दबाव बढेगा? 36% अति पिछड़ी जाति की नयी गोलबंदी होगी? इन्ही सवालों के बीच आज राहुल गांधी, लालू प्रसाद, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव सरीखे नेताओं ने लोकसभा के 2024 के चुनाव का बडा मुद्दा बनाने का साफ स॔केत दे दिया है।महिला आरक्षण कानून का संसद में समर्थन देने के साथ भाजपा छोड॔ अन्य सभी दलों ने ओबीसी महिला का भी आरक्षण की मां से पीछे नहीं रही।अब केन्द्र सरकार पर लोकसभा चुनाव बाद जनगणना के साथ जातीय गणना कराने की मांग पर विचार करना पड़ सकता है।
सोमवार को पटना में प्रेस कांफ्रेंस में प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने रिपोर्ट जारी की है। प्रदेश की सरकार नौकरियों में आरक्षण के लिए सूचीबद्ध 215 जातियों का आंकड़ा जारी कर दिया गया है. सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति बताई गई है. जातीय गणना में बिहार की कुल आबादी 13, 01725310 है.जातीय गणना में बिहार की कुल आबादी 13, 01725310 है. प्रभारी मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह ने बताया कि 215 जातियों का आंकड़ा जारी किया गया है,
जिसमें, हिन्दू 81.9986%, इस्लाम 17.7088%, ईसाई 0.0576% रिकॉर्ड किया गया है. धर्म के अनुसार आंकड़ा के साथ-साथ जातियों का भी आंकड़ा जारी किया गया है.
बिहार में जातीय गणना में ओबीसी की संख्या सर्वाधिक है. पिछड़ा 27.12% और अति पिछड़ा-36.01% आबादी है. इस तरह ओबीसी की संख्या 63% के करीब है. वहीं SC- 19.65 और ST 1.68% है इसतरह इन दोनों वर्गों में की संख्या 21% है. जबकि जनरल कास्ट की आबादी 16% है.
215 जातियों का आंकड़ा जारीः जातियों के आंकड़ा इस प्रकार है, जिसमें यादव 14.2666%, कुर्मी 2.8785%, कुशवाहा 4.2120%, ब्राह्मण 3.6575%, बनिया 2.3155%, भूमिहार 2.8683%, राजपूत 3.4505%, मुसहर 3.0872%, मल्लाह 2.6086%, बनिया 2.3155% रिकॉर्ड किया गया है. इसके साथ अन्य जातियों का आंकड़ा भी जारी किया जा रहा है.
सीएम नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में जातिगत जनगणना कार्यक्रम को पूरा किया गया है.
ओबीसी 36.01%,पिछड़ा वर्ग 27.12 और सामान्य जाती की 15 .12% की है आबादी।
यादव14.26%,कुशवाहा 4.21%,कुरमी 2.87: अनुसूचित जाति19.65% और अनुसूचित जनजाति की 1.68% की आबादी सामने आई है।
दें कि इसी साल 7 जनवरी से जातिगत जनगणना का पहला चरण शुरू हुआ था, जो 21 जनवरी को पूरा हुआ था. दूसरा चरण का 15 अप्रैल से शुरू हुआ था, इसी बीच मामला कोर्ट में चला गया था. इस कारण दूसरे फेज में 80 प्रतिशत काम पूरा हुआ था.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है.उन्होंने कहा कि जातीय गणना पर जिन 9 दलों ने सहमति दी है, उनकी मंगलवार को बैठक बुलाई गई है.
सीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति की आबादी बढ़ी है. सब लोगों की राय लेकर आगे फैसला लिया जाएगा. चाहे आरक्षण बढ़ाने का मामला हो या फिर और योजना बनाने की, उस पर चर्चा करेंगेकल साढ़े तीन बजे दिन में 9 पार्टियों के नेताओं को बैठक के लिए बुलाया है. जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट आने के बाद अब आर्थिक स्थिति को लेकर भी चर्चा कर रहे हैं. सबको कैसे लाभ मिले, इसके लिए सभी दलों से बात करके कदम उठाएंगे. उस बैठक में इन सब पर विस्तार से चर्चा होगी. केंद्र को भी जातीय जनगणना कराना चाहिए
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, "जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर कल ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा
नीतीश सरकार ने 500 करोड रुपये के बजट पर आजाद भारत में पहली बार बिहार में जाती गणना कराकर पूरे देश के लिए इसकी राह दिखाई है।
इस गणना में सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक दशा की भी तस्वीर आनी है।
रिपोर्ट के अनुसार सामान्य जाति में ब्राह्मण 3.67%राजपूत 3.45% भूमिहार 2.89% और कायस्थ की 0.60% आबादी सामने आई है।
लोकसभा चुनाव के पहले आई इस रिपोर्ट का आधार में राजनीति में जिसकी जितनी आबादी उतनी मिले भागीदारी की मांग जोर पकड़ने के साथ विकास योजनाओं में हिस्सेदारी की भी मांग जोर पकडने वाली है।
इसके आधार पर नई जातीय गोलबंदी भी होगी।लोकसभा और विधानसभाओं मे 33% महिला आरक्षण का कानून लागे होने तथा नयी जनगणना और परिसीमन के बाद 2029 के लोकसभा चुनाव में इसका भौतिक लाभ लेने के लिए भी बिहार में जातीय गणना का प्रभाव देखने को मिल सकता है।
ओबीसी 36.01%,पिछड़ा वर्ग 27.12 और सामान्य जाती की 15 .12% की है आबादी।
यादव14.26%,कुशवाहा 4.21%,कुरमी 2.87: अनुसूचित जाति19.65% और अनुसूचित जनजाति की 1.68% की आबादी सामने आई है।
बिहार जातिगत जनगणना का विस्तृत रिपोर्ट -
यादव- 14.27%
दुसाध, धारी, धरही- 5.31%
मोची, चमार, रविदास- 5.26%
कुशवाह (कोइरी)- 4.21%
ब्राह्मण- 3.66%
मोमिन- 3.55%
राजपूत- 3.45%
शेख- 3.82%
मुसहर- 3.09%
कुर्मी- 2.88%
भूमिहार- 2.87%
तेली- 2.81%
मल्लाह- 2.61%
बनिया- 2.32%
कानू- 2.21%
धानुक- 2.14%
नोनिया- 1.91%
सुरजापुरी मुस्लिम- 1.87%
पान, सवासी, पानर- 1.70%
चन्द्रवंशी- 1.65%
नाई- 1.59%
बढ़ई- 1.45%
धुनिया- 1.43%
प्रजापति- 1.40%
कुंजरा- 1.40%
अब हक,हिस्सा और भागीदारी की जंग
Recent Post
रालोमो के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवा....
Nov 20 2024
शिक्षा में सुधार के उपायों पर पानी तो नहीं फिरा?....
Nov 20 2024
बिहार में खेल संरचना का विकास और अनुकूल माहौल नीती....
Nov 20 2024
CM नीतीश कुमार की घोषणा:नव नियुक्त विशिष्ट शिक्षक....
Nov 19 2024
YOU MIGHT ALSO LIKE
बिहार में अंक-कोड से होगी जातियों की पहचान, 216 जातियों की कोड तय होगी अलग-अलग जाति का आबादी
Apr 04 2023
नारी शक्ति वंदन के आगे?
Sep 21 2023
बिहार मे विद्यालय के समीप अध्यापकों को आवासीय सुविधा सुलभ कराने वाला पहला राज्य बनेगा बिहार
Oct 29 2023
बिहार में 75% आरक्षण को चाहिए " नरेन्द्र मोदी का सुरक्षा कवच"
Nov 09 2023
क्या जेल से कोई सीएम सरकार चलायेगा?
Mar 22 2024
उपराष्ट्रपति से विपक्ष का टकराव उचित या अनुचित?
Aug 09 2024
लोकसभा चुनाव के नतीजे से संभल रही नरेन्द्र मोदी सरकार
Aug 25 2024
बदलाव की ओर देश अग्रसर
Sep 18 2024
वरीय नागरिकों को रेल किराया में मिलने वाली छूट की पुनः बहाली क्यों नहीं?
Oct 24 2024
Top